दिल्ली से रामगढ़ की रोमांचक सड़क यात्रा — शिखा खुराना

यात्राएं तो मैंने जीवन में बहुत की हैं, और हर यात्रा अपने अनूठे अनुभवों के साथ आई। हवाई यात्रा की तुलना में मुझे रेल यात्रा अधिक पसंद है, लेकिन सड़क यात्रा का रोमांच ही कुछ और होता है। इसी कड़ी में, मैं अपनी दिल्ली से रामगढ़ तक की एक यादगार सड़क यात्रा का अनुभव साझा कर रही हूं।
सप्ताहांत पर हमने दो-दो जोड़ी कपड़े और जरूरी सामान पैक किया, गाड़ी में पेट्रोल भरवाया और रामगढ़ की ओर निकल पड़े। बेटे ने पहले ही एक अच्छे रिसॉर्ट में दो कमरे बुक कर दिए थे। सुबह जल्दी निकलने का फायदा यह हुआ कि ट्रैफिक नहीं मिला। मौसम भी सुहावना हो गया था—हल्की बूंदाबांदी ने सफर को और भी खूबसूरत बना दिया। गाड़ी में पुराने फिल्मी गानों की मधुर धुनें माहौल को और भी आनंददायक बना रही थीं।
सुबह दस बजे तक हम मुरथल पहुंचे, जहां हमने प्रसिद्ध सुखदेव ढाबे पर स्वादिष्ट परांठों और मसालेदार चाय का लुत्फ़ उठाया। इसके बाद फिर से यात्रा जारी रखी। अब बच्चों ने अपनी पसंद के पंजाबी गाने चला दिए, जिससे सफर और भी मजेदार हो गया। जैसे-जैसे दिन चढ़ा, सड़क पर ट्रैफिक बढ़ने लगा, लेकिन शानदार हाईवे पर गाड़ी सरपट दौड़ रही थी।
रामगढ़ के रास्ते में हम पंचकूला और मोहाली की खूबसूरत पहाड़ियों से होते हुए मोरनी हिल्स पहुंचे। वहां की प्राकृतिक सुंदरता मंत्रमुग्ध कर देने वाली थी। एक छोटी-सी सुंदर झील में हमने बोटिंग का आनंद लिया। मदमस्त मौसम के बीच, हमने वहीं एक होटल में स्वादिष्ट दोपहर का भोजन किया और फिर आगे की यात्रा पर निकल पड़े।
रास्ते भर हसीन वादियों के बीच हमारी गाड़ी दौड़ती रही, और शाम तक हम अपने गंतव्य—रामगढ़—पहुंच गए। सफर की थकान महसूस हो रही थी, लेकिन रिसॉर्ट के खूबसूरत नज़ारे ने सारी थकान मिटा दी। शाम को रिसॉर्ट के शानदार रेस्तरां में हल्का-फुल्का नाश्ता किया और फिर चंडीगढ़ की ओर निकल गए।
चंडीगढ़ की जगमगाती सड़कें और रोशनी से सजी हुई सजीवता देखने लायक थी। सेक्टर-17 की प्रसिद्ध मार्केट में देर रात तक घूमते रहे और कुछ खरीदारी भी की। वहां एक अच्छे रेस्तरां में बढ़िया खाना खाया और फिर वापस रिसॉर्ट लौट आए।
अगले दिन हमने पूरा समय रिसॉर्ट में बिताया और वहां की बेहतरीन सुविधाओं का भरपूर आनंद लिया। शानदार आवभगत से मन प्रसन्न हो गया। शाम होते ही हम सुखना झील पहुंचे। इतवार होने के कारण वहां भीड़ थी, लेकिन माहौल बहुत खुशनुमा था। हमने स्ट्रीट फूड का आनंद लिया, भुट्टे खाए और बोटिंग का मजा उठाया।
रात को थककर गहरी नींद सोए और अगली सुबह नाश्ता करने के बाद दिल्ली के लिए रवाना हो गए। इस तरह, यह यात्रा न केवल यादगार रही, बल्कि मेरे दिल के करीब भी बन गई। मुझे इस तरह की छोटी-छोटी सड़क यात्राएं बेहद पसंद हैं।
– शिखा