गोविंद देवजी मंदिर में पुष्प फागोत्सव का भव्य समापन

जयपुर। गोविंद देवजी मंदिर में चल रहे दो दिवसीय पुष्प फागोत्सव का मंगलवार को भव्य समापन हुआ। सत्संग भवन में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ी, जहां फाल्गुनी भजनों और नृत्य ने भक्तों को भाव-विभोर कर दिया।
मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने दीप प्रज्ज्वलित कर पुष्प फागोत्सव का शुभारंभ किया। इसके साथ ही बाल व्यास श्रीकांत शर्मा ने भक्ति रस से ओतप्रोत “उड़ती कोयलड़ी संदेशो म्हारो लेती जाइजे रे…” भजन प्रस्तुत कर माहौल को भक्तिमय बना दिया। इसके बाद “होरी खेलत नंद कुमार ब्रज की गलियन में…”, “लाल चुनरिया ओढ़ ली मेरे बांके सांवरिया…”, “होली खेलो रे कन्हाई जरा होले होले…” जैसे अनेक फाल्गुनी भजनों की रसधारा बही, जिसमें श्रद्धालु डूबते ही गए।
पांच क्विंटल फूलों से खेली होली
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण राधा-कृष्ण स्वरूपों संग पुष्पों की होली रही। श्रद्धालुओं ने करीब पांच क्विंटल फूलों की पंखुड़ियों से ठाकुरजी संग होली खेली। लगातार बरसते फूलों से कान्हा और राधा जी का केवल चेहरा ही दिखाई दे रहा था, बाकी तन फूलों से ढक गया। श्रद्धालुओं ने “राधे-राधे” के जयघोष से सत्संग भवन को गुंजायमान कर दिया।
फागुनी भजनों पर झूमे श्रद्धालु
शेखावाटी अंचल के चूड़ी अजीतगढ़ के मनोज वर्मा के निर्देशन में कलाकारों ने “भर दे मायरो सांवरिया, नानी बाई को…” और “कानूड़ा लाल घड़लो म्हारो भर दे रे…” जैसे धमाल गाकर श्रद्धालुओं को नृत्य करने पर मजबूर कर दिया। वृंदावन के युवा कलाकार विराट ने कृष्ण रूप धारण कर राधा जी और सखियों के साथ पुष्प होली खेली, जिसे देख श्रद्धालु आनंदित हो उठे।
रेखा सैनी के निर्देशन में यथार्थ सैनी, अंश शर्मा, अक्षरा सिंह, तन्वी, खुशी, राधा समेत कई कलाकारों ने “कानूड़ो आयो रंग में बोरो” सहित अनेक भजनों पर कान्हा की बरसाना होली का मंचन किया।
संगीत साधकों का योगदान
बांसुरी पर बनारस घराने के रवि चौरसिया की मधुर तान, ऑर्गन पर बाल गोविंद, तबले पर चंद्र देव मेहता और वृंदावन के सुरेश गोस्वामी के सुरों ने भजन संध्या को और भी मधुर बना दिया।
आज होगा होली पद गायन
होली महोत्सव के अंतिम दिन 12 मार्च को कोलकाता के मालीराम शर्मा दोपहर 1 बजे से शाम 4:30 बजे तक होली पद गायन करेंगे। इसके अलावा शेखावाटी के कलाकार धमाल की प्रस्तुतियां भी देंगे।