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होली का आध्यात्मिक महत्व // शुचिता नेगी “शुचि” की कलम से

एक अर्थ होली का है कि जो हो ली सो हो ली अर्थात जो भी पहले गलती हुई उसे याद कर मन मे कड़वाहट न लाए ।पहले होलिका दहन होता है फिर एक दूसरे पर रंग लगाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि होलिका छोटे से बालक प्रह्लाद को लेकर अग्नि मे बैठी तो प्रह्लाद तो बच गए परन्तु होलिका राख हो गई। होली का एक और आध्यात्मिक अर्थ यह है कि HOLY अर्थात पवित्र बनो।जो झूठे देह अभिमान को त्याग कर छोटे बालक प्रह्लाद की भांति परमात्म प्रेम मे लवलीन रहेगे उनको होलिका रुपी काम अग्नि जला नही पायेगी।इस अवसर पर एक दूसरे को सतज्ञान की धारणा का , परमात्म प्यार का रंग ऐसा लगता है जो पुरानी पहचान (देह मित्र संबंधी)भूल जाये और एक आत्मिक रंग मे ही सभी दिखाई दे।
(आप सभी को होली पर्व की बहुत-बहुत शुभकामनाऍं)
— शुचिता नेगी “शुचि”