Uncategorized

लंदन की यात्रा — अमृत बिसारिया 

 

यात्राएँ जीवन में नए अनुभवों, यादों और दिल को छू लेने वाली प्रसंग से जोड़ती हैं। मुझे भी लंदन घूमने जाने का अवसर मिला, तो मेरी खुशी का ठिकाना न था। यह मेरी लंदन की पहली यात्रा थी, और मेरा मन उत्साह और जिज्ञासा से भरा हुआ था।गुगलर पर देख- देख कर अपनी प्लानिंग करते और प्रोग्राम बनाते की कौन कौन सी जगह देखें।और वह दिन आगया-

हीथ्रो हवाई अड्डे पर उतरते ही एक अलग उमंग का अनुभव हुआ। ठंडी हवा, सुव्यवस्थित यातायात और चारों ओर बहुभाषीय लोगों की चहल-पहल ने मुझे यह अहसास दिलाया कि हम सब (मेरा बेटा, बहू और बच्चे) अब एक वैश्विक महानगर में था। हवाई अड्डे से बाहर निकलते ही मेरा बड़ा बेटा जो लंदन में रहता है अपनी फ़ैमिली के साथ रहता है, हमें लेने आया था। उसने हमारे पैर छुए और छोटे बहू बेटे और बच्चों ने बड़े बेटे के पैर छुए।हम सभी एक दूसरे के गले मिले फिर कार में बैठ गये।

रास्ते में पुराने और आधुनिक स्थापत्य कला का अनूठा संगम देखने हुए हम घर कब पहुँच गये पता ही नहीं चला।बड़ी बहू ने यथा योग्य सारी तैयारी कर रखी थी।
दूसरे दिन से हम लोगो के घूमने का प्रोग्राम शुरू हो गया।
बकिंघम पैलेस, राजसी वैभव को देखने अगले दिन हम निकल गये, सुबह-सुबह गार्ड्स चेंजिंग सेरेमनी देखने का एक अलग ही रोमांच था। शाही महल की भव्यता और विशाल उद्यानों ने मुझे मंत्रमुग्ध कर लिया।
हम तो घूमने ही आये थे, बिग बेन और थेम्स नदी की सैर बहुत ही सिस्टमेटिक और आरामदायक था।इसके बाद हमने वेस्टमिंस्टर ब्रिज की ओर रुख किया, जहाँ से बिग बेन की झलक मिल रही थी। उसकी विशाल घड़ी और नक्काशीदार संरचना देखने लायक थी। वहीं पास में थेम्स नदी के किनारे चलते हुए नाव की सवारी का आनंद लिया। पानी की लहरों पर तैरती नाव से लंदन आई और टॉवर ब्रिज का दृश्य अद्भुत लग रहा था।
शाम को बच्चों ने लंदन आई पर जाने का निर्णय लिया। लेकिन मैं नहीं गई क्योकि उम्र का तक़ाज़ा था।मैं 74 की थी नहीं देख पायी।पर बच्चों की आँखों से मैंने उसे भी देख ही लिया समझो।

दूसरे दिन हम ब्रिटिश म्यूज़ियम देखने गये इतिहास की समृद्धि, जहाँ प्राचीन सभ्यताओं की अनेक धरोहरें संग्रहित थीं। मिस्र की ममी, रोसेटा स्टोन और भारत से संबंधित अनेक प्राचीन वस्तुएँ देखकर गर्व का अनुभव अनुभव हुआ।
इसके बाद हम टॉवर ऑफ लंदन पहुँचे जो कभी किला, कभी महल और कभी जेल रहा था। यहाँ रखे गए क्राउन ज्वेल्स की चमक देखने लायक थी। इन बहुमूल्य गहनों को देखकर उनकी भव्यता का अहसास हुआ।
पिकाडिली सर्कस और ऑक्सफोर्ड स्ट्रीट पर कुछ थोड़ीबहुत खरीदारी भी की हम लोगों ने।

नेक्स्ट डे हम लंदन का हैंगिंग ब्रिज देखने गये।
लंदन का प्रसिद्ध टावर ब्रिज एक ऐतिहासिक और इंजीनियरिंग चमत्कार है, जिसे थेम्स नदी पर बनाया गया था। यह एक सस्पेंशन और बैस्क्यूल ब्रिज (उठने वाला पुल) है, जो विक्टोरियन गोथिक शैली में निर्मित हैं। पुल का मध्य भाग जहाजों के आवागमन के लिए खुल सकता है।

पैदल यात्रियों और वाहनों के लिए यह मुख्य मार्ग है, जबकि ऊपर एक कांच का वॉकवे है, जहाँ से शहर का सुंदर नज़ारा दिखता है। हमलोग जब इस ब्रिज पर पहुँचे क्या ख़ूबसूरत मौसम था, चरों तरफ़ घटाएँ घिरी थी,तब बरसा या अब बरसा लग रहा था। मन चाह रहा था कि यही बैठ कर मौसम का आनंद लें।यह लंदन का एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है और लंदन के मौसम का क्या कहना, तबतक बारिश शुरू हो गई और वहीं ब्रिज के नीचे हम रुक गये।
एक दिन बाद हमने हैरी पॉटर स्टूडियो का टूर किया।फिल्म के सेट, वेशभूषा और जादुई दुनिया को करीब से देखा, मेरी बड़ी पोती इतनी प्रभावित हुई कि उसने हेरी पॉटर की सारी सीरिज़ देखी डाली और सारी बक्स पढ़ लीं।

हाइड पार्क और प्राकृतिक सुंदरता वहाँ का शांत वातावरण, झील के किनारे बैठे लोग और हरियाली ने मन को शांति दी।
हमने ग्रीनविच रेखा को भी देखा जिस पर लंदन का शहर ग्रीनविच स्थित है और दुनिया का मानक समय निर्धारित करती है।

अविस्मरणीय यात्रा रही। यहाँ का इतिहास, आधुनिकता, संस्कृति और जीवनशैली मुझे हमेशा याद रहेगी। लंदन एक शहर नहीं, अनुभवों का एक संसार है, जिसे महसूस करने के बाद ही उसकी सुंदरता और महत्व का अंदाजा लगाया जा सकता है।

अमृत बिसारिया
लंदन

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!