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लघुकथा अफवाह — सपना बबेले

 

साधना की शादी बड़ी धूमधाम से हुई, मध्यमवर्गीय परिवार मिलनसार लोग थे उसके ससुराल वाले।
पति भी गुणवान था। शादी के एक माह बाद साधना की बी एड की परीक्षा होनी थी।
साधना एक माह के लिए मायके आ गई सोचा थोड़ी पढ़ाई भी हो जाएगी और परीक्षा भी।
साधना की शादी की तिथि छै माह पहले मोहल्ले में रह रहे खान चाचा की बेटी शबाना के निकाह की शादी भी हुई थी।
गांव की एक महिला मालिश का काम करती थी, खबरीलाल कहृलाती थी लोगों के घर में जाकर उनकी बातें इधर उधर कहती थी।
थोड़ा ऊंचा भी सुनती थी किसी ने बताया कि शबाना का तलाक हो गया उसका आदमी बहुत खराब है।
उसने सुना कि साधना का तलाक हो गया,और एक दिन में चार छै घरों में खबर फैला दी।
एक माह के लिए साधना मायके आई लोगों को तो खबर सच लगी। जबकि ये एक अफवाह थी।
एक दिन साधना के पिता के इष्ट मित्र मिलने आए और बोले साधना बिटिया के संग बहुत बुरा हुआ, जबसे सुना बहुत दुखी हूं।
आपको जल्दबाजी में रिश्ता नहीं करना था।
साधना के पिता सुनकर हैरत में पड़ गए।और पूंछा कि साधना के साथ क्या हुआ सब कुछ अच्छा तो है। इतने अच्छे ससुराल वाले हैं कि बीएड करने एक माह के लिए मायके भी रहने दिया।सास रोज फोन करके साधना से बात करतीं हैं।
तब पिता के मित्र बोले कि फिर मैंने तो सुना कि तलाक हो गया पिता ने कहा किसने कहा,तो पता चला मालिश वाली काकी ने।
साधना के पिता को बहुत गुस्सा आया और जा पंहुंचे काकी के घर ।
काकी उन्हें देखकर बोली मैंनै तो सुना था। पिता जी ने पूछा किससे सुना तो काकी बोली बर्तन मांजने वाली रुपा ने मुझे बताया था।काकी के साथ लेंकर साधना के पिता रुपा के घर पहुंचे।
तो रुपा बोली चाचाजी मैंने शबाना के तलाक की बात की थी।
पिछले हफ्ते ही उसका तलाक हो गया।
अब काकी अपने चुगली की आदत से बहुत शर्मिन्दा हुई।
साधना के पिता ने खूब खरी खोटी सुनाई।
और घर आए फिर साधना को ये सारा किस्सा सुनाया।
घर वाले ठहाके मारकर हंसने लगे।
और सोचने लगे कि इंसान को कितनी फुर्सत है कि किसी के बारे कोई भी बात बनालें और कुछ भी कह दे।

पेपर के बाद साधना अपने ससुराल चली गई और जीवनभर इस अफवाह को याद करते हुए हंसने लगती

सपना बबेले स्वरा

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