नारी: शक्ति का स्रोत // हसमुख बी पटेल

नारी एक शक्तिशाली और सशक्त व्यक्तित्व है। नारी शक्ति, साहस और सेवा का अनन्य प्रतीक है। वह एक मां, बहन, पत्नी, बेटी, प्रियतमा और दोस्त के रूप में अपने परिवार और समाज के लिए कुछ ना कुछ करती है। नारी के शक्ति, साहस, त्याग, कर्म और समझदारी का कोई मुकाबला नहीं है। मुश्किल परिस्थिति में वह डटकर सामना करती है और उसे पार करती है।
नारी की मेहनत और लगन अविस्मरणीय है। वह हर काम अपने हाथों से करती है और उसे पूरा करती है। एक तरफ़ वह घर की मालकिन है और दूसरे नजरिये से देखे तो उसका कुछ होता ही नहीं है। नारी हर रूप में अपनी जिम्मेदारी बखूबी वहन करती है। कभी भाई के लिए बहन के अनमोल अस्तित्व में, कभी समाज की सेविका के रूप में, कभी बच्चों की शिक्षिका का मार्ग पर चलते चलते और तो कभी परिवार में सब की हर ज़रूरियात का ख्याल रखने में। माँ बनकर नारी प्रभु के तुरंत पच्छात देवी के स्वरूप जीवन न्योछावर करती रहती है। पत्नी और प्रियतमा के रूप में नारी यमराज पर भी भारी पड़ती है।
प्रभु के प्यार में नारी ने कभी राधा, कभी मीरा बनकर सभी युग में एक मिसाल कायम की है। ज़िंदगीभर सब के लिए सतत कुछ ना कुछ करती रहती नारी की सेवा, त्याग, बलिदान, प्यार और फ़िकर का कोई मुकाबला ही नहीं है। नारी की शक्ति और साहस को कोई नहीं तोड़ सकता। वह हर मुश्किल का सामना करती है और उसपे विजय हासिल करती है। नारी एक प्रेरणा है, एक आदर्श है, एक शक्तिशाली व्यक्तित्व है और हर पुरुष के सांस का सच्चा सहवास है। आजकल नारी की भूमिका समाज में बहुत महत्वपूर्ण है। हर काम के लिए नारी हर ऊँचाई हासिल कर रही है। जमीन से आसमान तक वर्तमान युग में नारी अव्वल क्रमांक पर है। आज आंतरराष्ट्रीय महिला दिन के उपलक्ष्य में हम नारी शक्ति को अंदरूनी “हर्ष” के साथ वंदन करे।
हसमुख बी. पटेल, ‘हर्ष’’परख’
नारदीपुर – अहमदाबाद