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राजीव गांधी जी के साथ यादगार यात्रा — अलका गर्ग

 

ज़िंदगी अपने लम्बे सफ़र में बहुत सी खट्टी मीठी यादों को समेटते हुए चलती है कुछ यादें वक्त वक्त पर स्मरण हो जाती हैं और हम फिर से उन्ही क्षणों में पहुँच जाते हैं। आज शुरुआत मैं अपने एक बहुत मीठे से संस्मरण से कर रही हूँ….
स्कूल की छुट्टियों में मैं अपनी बुआजी के घर भिलाई गई हुई थी वहाँ उनके बेटे और बहू यानि कि मेरे भैया और भाभी ने जबलपुर घूमने जाने का प्रोग्राम बना लिया ।रायपुर से जबलपुर हवाईजहाज़ से जाना था और मैं बहुत उत्सुक थी क्यूँकि यह मेरी पहली हवाई यात्रा थी।
जहाज़ में बैठ कर मैं मानो स्वप्नलोक में विचरने जा रही थी।तभी विमान परिचरिका ने ज़रूरी निर्देशों को बताने के बाद घोषणा की कि आज हमारे विमान के चालकदल में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधीजी के बड़े सुपुत्र राजीव गांधीजी भी हैं।मेरी ख़ुशी तो ठिकाना ही नही था।अहा…पहली यात्रा का इतना सुखद अनुभव..स्वयं को गौरान्वित भी महसूस कर रही थी।
राजीव गांधीजी अंतरराष्ट्रीय पाइलट थे परंतु उस वक्त अंतरराज्यीय विमान चालक किसी हड़ताल पर थे तो विमान चालकों की कमी के कारण छुट्टी पर गए कई चालकों को अंतरराज्यीय उड़ानों के लिए बुला लिया गया था।
मेरे लिए ये बात किसी ईनाम से कम नही थी।बहुत उत्सुक थी शायद उनकी एक झलक देखने को मिल जाए।
जबलपुर में जहाज़ उतरने के बाद राजीवजी भी उतरे।
और उनको देखने की मेरी लालसा भी पूरी हुई।कालांतर में वे जिस भी प्रकार के भी राजनेता रहे हों,… पर मुझे तो आज भी उनका वह पायलट की सफ़ेद यूनफ़ॉर्म में चमकता हुआ ख़ूबसूरत आकर्षक व्यक्तित्व स्मरण है ।
आज भी हवाईयात्रा करते समय उस किशोर वय का यह रोमांचक संस्मरण ज़रूर याद आता है ।
उस वक्त यदि मोबाइल की सुविधा होती तो मेरे पास भी राजीव जी के साथ की एक सेल्फ़ी ज़रूर होती ।

अलका गर्ग,गुरुग्राम

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