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रूहानी रोशनी और कलम की ताकत” —- उपन्यासकार पुष्पा भाटी

मालिक ने इस गरीब आत्मा पर, दया फरमोश की मैं उस परमपिता परमेश्वर, का तह दिल से शुक्रियाँ अदा करती हूँ, जिन्होंने अपने रूहानी प्रकाश से,
मेरी कलम से शक्ति भर कर, मुझे सच्चाई की ओर अग्रसर,
किया, टुट जाती मै, कोई मुकाम न होता, इम्तिहान ही मेरी जिन्दगी का, ख्वाब होता !
अगर ईश्वर मेरा मददगार न होता !!
हो सकता है मुझे आपसे रूबरू होने का सौभाग्य, प्राप्त न हो सके, लेकिन मैं अपनी त्रुटियाँ के लिए आपसे क्षमा याचना की उम्मीद करते हुए कलम क जारी रखने के लिए आप सब की दुआएँ चाहती है
उपन्यासकार :- सुश्री पुष्पा भाटी श्रीगंगानगर
मेरे उपन्यास देश द्रोही की बेटी का अंक कल पढिए—- नजर इन्डिया 24। पर। –