Uncategorized

संक्षिप्त आलेख जिंदगी के लिए जरूरी है संवेदन क्यों ? — डॉ रश्मि अग्रवाल

 

जिंदगी के लिए जरूरी है संवेदन क्यों ? इस विषय पर अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए, यह कह सकती हूँ कि मानवीय जीवन में संवेदन का बहुत महत्व है । संवेदनहीन व्यक्ति पशु सदृश्य होता है जिसमें भावनाओं का नामोनिशान नहीं रहता ।किसी भी व्यक्ति से अपनी भावनाओं को व्यक्त करना ही संवेदना कहलाता है संवेदना का एक और नाम सहानुभूति भी दिया जा सकता है । मूल संवेदना का अर्थ है, ज्ञानेन्द्रियों के द्वारा प्राप्त अनुभव या ज्ञान । जिस व्यक्ति में जितनी ज्यादा संवेदना होगी वह उतना ही भावुक माना जाता है । संवेदना का गुण ही मनुष्य को इंसान बनाता है ।संवेदना का भाव ही समस्त रिश्तों को एकसार कर उन्हें आपस में सम्बद्ध करता है ।संवेदनहीन व्यक्ति संसार में अकेला ही रह जाता है । उसके कोई भी रिश्तेदार उसे पसंद नहीं करते, सभी उससे दूर हो जाते हैं । इसलिए जीवन में संवेदना का विशेष महत्व है ।
आज के समाज में लोग संवेदनहीन हो गए हैं अपने माता- पिता का भी ध्यान नहीं रखते । उन्हें वृद्धाश्रम में छोड़ देते हैं । यह बात बहुत गलत है इसे लोगों को स्वीकार करना चाहिए और माता पिता की सेवा कर उन्हें सुखी जीवन प्रदान करना चाहिए ।
संवेदना के कई रूप हैं यथा – सहानुभूति, ममत्व, प्रेम, दया, इत्यादि ।
ये निर्विवाद सत्य है कि संवेदनशील व्यक्ति ही संसार में यश – गौरव प्राप्त करता है ।

डॉ० रश्मि अग्रवाल ‘रत्न’

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!