अपंग दिव्यांग और साअंग: एक चिंतन क्रमांक ८ — सीमा शुक्ला चांद

दृष्टि अपंग जीवों को दिव्यांग बनाने के लिए सरकार द्वारा अनेक प्रकार की सुविधाएं एंवम अनुदान उपलब्ध कराई जाती हैं. जिनमें से कुछ अनुदान व सुविधाएं इस प्रकार है:
दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए, वित्तीय सहायता प्राप्त करना स्वतंत्रता और जीवन की बेहतर गुणवत्ता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। उपलब्ध अनुदानों के प्रकार निम्नलिखित हैं:
१. शिक्षा अनुदान :
विशिष्ट शिक्षण सामग्री, ट्यूशन सहायता और छात्रवृत्ति के लिए वित्तपोषण।
२. सहायक प्रौद्योगिकी अनुदान :
ब्रेल प्रिंटर, स्क्रीन रीडर, और अन्य उपकरण प्राप्त करने के लिए वित्तीय सहायता।
३. रोजगार और उद्यमिता अनुदान : व्यवसाय शुरू करने या कार्यस्थल अनुकूलन के लिए संसाधन या
नौकरी प्रशिक्षण के लिए अनुदान
४. स्वास्थ्य देखभाल और पुनर्वास अनुदान : गतिशीलता सहायता, चिकित्सा व्यय, चिकित्सा के लिए सहायता हेतु अनुदान।
५. गैर-लाभकारी संगठन : दृष्टिबाधित लोगों के साथ काम करने वाले समूह अक्सर वित्तपोषण के अवसरों की सूची रखते हैं।
उदाहरण:
भारत में, राष्ट्रीय विकलांग वित्त एवं विकास निगम (एनएचएफडीसी) ऋण और अनुदान प्रदान करता है।
संयुक्त राज्य अमेरिका में, व्यावसायिक पुनर्वास सेवाएं और सामाजिक सुरक्षा विकलांगता बीमा (एसएसडीआई) कार्यक्रम वित्तपोषण प्रदान करते हैं।
अनुदान हेतु पात्रता:
प्रत्येक अनुदान कार्यक्रम के अपने मानदंड होते हैं। मुख्यतः निम्नलिखित मानदंडो को पूर्ण कर अनुदान प्राप्त किए जा सकते हैं:
१. विकलांगता का प्रमाण :
चिकित्सा प्रमाणपत्र या विकलांगता पहचान पत्र।
२. आय सीमा :
कुछ कार्यक्रमों में आय के साधन-परीक्षण किए जाते है।
विशिष्ट प्रयोजन दस्तावेज़ीकरण :
कई अनुदानों के लिए आवेदकों को यह निर्दिष्ट करना आवश्यक होता है कि वह अनुदान का उपयोग कैसे कब और कहां करेगा।
सुविधाएं:
सीखने के उपकरण जैसे अंकगणितीय फ्रेम, अबेकस, ज्यामिति (Geometry) किट आदि। धीमी गति से सीखने वाले नेत्रहीन बच्चों के लिए विशालकाय ब्रेल डॉट्स सिस्टम। (Braille dots system) डिक्टाफोन और अन्य रिकॉर्डिंग सिस्टम। दसवीं कक्षा के नेत्रहीन छात्रों के लिए सीडी प्लेयर।
विज्ञान सीखने के उपकरण जैसे बात कर रहे बैलेंस, बात कर रहे थर्मामीटर, मापने के उपकरण जैसे टेप माप, माइक्रोमीटर, आदि।
दसवीं कक्षा के नेत्रहीन छात्रों के लिए ब्रेल लेखन उपकरण, जिसमें ब्रेलर, ब्रेल शॉर्टहैंड मशीन, टाइपराइटर शामिल हैं। बात कर रहे कैलकुलेटर, भूगोल सीखने के उपकरण जैसे उभरे हुए नक्शे और ग्लोब।
बधिर – अंधो के लिए संचार उपकरण और टेलीफोन के लिए ब्रेल संलग्नक।
कम दृष्टि सहायक उपकरण। जिसमें हाथ में पकड़ने वाला स्टैंड, प्रकाश के साथ और बिना प्रकाश के मैग्निफायर, स्पीच
सिंथेसाइज़र और कम्प्यूटर के लिए ब्रेल अटैचमेंट।
कंप्यूटर का उपयोग करने वाले दृष्टिबाधित व्यक्ति कुछ मामलों में रुपये 10,000/- से अधिक की लागत के सॉफ्टवेयर खरीद सकते हैं।
यह सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के पूर्व अनुमोदन से किया जा सकता है। अन्य सभी उपकरणों के लिए अधिकतम सीमा रु. 10,000/- है.
भवन, रेल कक्ष, बस, समुद्री जहाज एवं वायुयानों को विकलांग व्यक्तियों के लिए डिजाइन किया जाता है.
दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016: दृष्टिहीनता और दृष्टिबाधिता को विकलांगता की श्रेणी में रखता है.
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग:
दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए लैपटॉप और मोट्रेट ट्रायसिकल (बैटरी चलित) प्रदान करता है.
कम्प्यूटर शिक्षा:
कम्प्यूटर शिक्षा में दृष्टिबाधित बच्चों की दक्षता देखकर लगता ही नहीं है कि वे दृष्टबाधित हैं.
सहायक तकनीक:
स्पीच-टू-टेक्स्ट सॉफ्टवेयर:
दृष्टिहीनों के लिए वॉयस रिकग्निशन और डिक्टेशन सॉफ्टवेयर के रूप में स्पीच-टू-टेक्स्ट जैसी उच्च तकनीक वाली सहायक तकनीकों का उपयोग किया जाता है.
विकलांगता पेंशन:
कुछ राज्य सरकारें दृष्टिबाधित व्यक्तियों को विकलांगता पेंशन प्रदान करती हैं.
सामाजिक सुरक्षा:
सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए, विकलांग व्यक्तियों, उनके परिवार तथा उनकी देखभाल करने वालों को अतिरिक्त व्यय राशि दी जाती है.
सहायक उपकरण:
विकलांग व्यक्तियों के लिए सहायक सामग्री एवं उपकरण उपलब्ध कराए जाते हैं.
रोजगार:
सरकारी नौकरी में आरक्षण: दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण की सुविधा उपलब्ध है.
प्रोजेक्ट थैंक यू फूड्स:
भारतीय दृष्टिबाधित संघ की एक पहल है, जिसके तहत दृष्टिबाधित व्यक्ति को नौकरी के अवसर मिलेंगे.
शिक्षा:
दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016: दृष्टिहीनता और दृष्टिबाधिता को विकलांगता की श्रेणी में रखता है.
आदर्श विद्यालय (एमएसवीएच):
दृष्टिबाधित बच्चों के लिए बाल वाटिका से लेकर वरिष्ठ माध्यमिक स्तर तक शिक्षा प्रदान करता है, जिसमें निःशुल्क शिक्षा, आवास, भोजन, वर्दी, किताबें और उपकरण शामिल हैं.
राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान:
सामान्य शिक्षा के अलावा, कौशल विकास और सेंट्रल ब्रेल प्रेस भी है.
इस प्रकार से हम देखें तो शासन विभिन्न माध्यमों से दृष्टि अपंगों को दिव्यांग बनाने का प्रयास कर रही है.
सीमा शुक्ला चांद