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बुद्धिमानी — कविता साव

एक गाँव में दो व्यक्ति रहते थे,एक का नाम गरीब साव और दूसरे का नाम था अमीर साव।गरीब साव का परिवार एक पुत्र माधव और पत्नी गीता,अमीर साव का परिवार एक पुत्री मोहिनी और पत्नी रानी। नाम से ही दोनों की स्थिति का पता चल जाता है।
गरीब साव और उसकी पत्नी मजदूरी करके अपना जीवन यापन करते हैं।गरीब साव कहने को तो गरीब था लेकिन ख्वाब अमीरी का देखता था। धीरे धीरे माधव बड़ा होता है और उसकी शादी की बात चलती है।गरीब से ने मन में ठान लिया था कि अपने बेटे माधव का ब्याह अमीर साव की बेटी मोहिनी से ही करेगा।एक दिन वह अमीर साव के घर पहुंचता है अपने बेटे की ब्याह का बात लेकर,अमीर साव सुनकर दंग रह जाता है उसकी बात सुनकर और कहता है तुमने अपनी हैसियत देखी है।
गरीब साव कहता है मेरी हैसियत पर मत जाइए आपकी बेटी को किसी चीज की कमी नहीं होने दूंगा,आप शादी तो करवाइए।अमीर साव नौकरों से कहकर उसे घर से बाहर निकलवा देता है।घर आते ही पत्नी पूछती है क्या हुआ बात बनी कि नहीं।गरीब साव कहता है,आज धक्का धक्की,कल पक्का पक्की।
तुम एक काम करो,घर में जो कुछ भी है उसे निकाल कर लाओ,बहुत ढूंढने के बाद घर से केवल एक सूप कौड़ी निकलता है।गरीब साव उसे लेकर बाजार में बेचता है जिससे 6रुपए उसे मिलते हैं।उन पैसों को लेकर एक साहूकार के पास जाकर कहता है,साहूकार जी मुझे 5प्रतिशत के दर से सौ रूपये दीजिए और ब्याज आप पहले ले लीजिए।ब्याज भला किसे पसंद नहीं।साहूकार ने सौ रूपये दिए।अब सौ रुपए लेकर दूसरे साहूकार के पास जाकर 5प्रतिशत के दर से हजार रुपए लेता है।इसी प्रकार से वह तीसरे चौथे के पास जाकर अच्छा खासा रुपया इकठ्ठा कर लेता है। दूसरे दिन बड़ी ठाठ से अमीर साव के पास जाकर रिश्ता पक्का कर लेता है।
माधव और मोहिनी का ब्याह बड़ी धूम धाम से होता है।अमीर साव ने भी ढेर सारी चीजें दहेज में देकर बेटी की बिदाई कर दी।कुछ दिन बाद साहूकार अपने मुंशी को गरीब साव के पास भेजता है रुपयों के लिए,लेकिन घर पर सिवाय मोहिनी के कोई नहीं मिलता है। मुंशी मोहिनी से पूछता है,गरीब साव कहाँ है?
मोहिनी,आसमान का बूंद थामने गए हैं।
मुंशी,उसकी पत्नी
मोहिनी, एक का दो करने गई है।
मुंशी,उसका बेटा
मोहिनी,एक को मार दिया,दूसरे पर नजर है।
मुंशी,और तुम क्या कर रही हो?
मोहिनी,मैं एक को पकड़ती हूँ,सबको पहचानती हूँ।
मुंशी, चुपचाप साहूकार के पास लौट जाता है और सारी बातें बताता है।साहूकार सुनकर दंग रह जाता है और कहता है अभी के अभी तुम जाओ इन सारी बातों का जवाब लेकर आओ।यदि जवाब सही मिला तो वहीं पर ये दावेनामा का कागज फाड़ कर गरीब साव को कर्ज से मुक्त कर देना और अगर जवाब गलत मिलता है तो रुपया वापस लेकर ही आना।
मुंशी वापस गरीब साव के घर आकर मोहिनी से सारी बातें कहता है। मोहिनी कहती है जी अभी देती हूँ जवाब ध्यान से सुनिए।
प्रश्न ,आसमान का बूंद थामना
उत्तर,छप्पर छाना
प्रश्न,एक का दो करना
उत्तर, दाल दरना
प्रश्न,एक को मारकर दूसरे पर नजर रखना,
माधव सुबह नाश्ता करके चला गया और बार बार आकर पूछता है भोजन बना कि नहीं?
प्रश्न,एक को पकड़ती हूँ सबको पहचानती हूँ।
उत्तर, मैं भात पका रही थी जब आपने मुझसे पूछा ,मैं एक चावल को पकड़ती हूँ और मुझे पता चल जाता है कि सारे चावल पक चुके हैं। ये सारी बातें सुनकर मुंशी कर्ज माफी वाली कागज वहीं फाड़ कर वापस साहूकार के पास चला जाता और सारी बातें बताता है।साहूकार भी उत्तर सुनकर संतुष्ट हो जाता है।तो ये थी मोहिनी की बुद्धिमानी।

कविता साव
पश्चिम बंगाल

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