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चाहत का मिलन — लघु कथा — डॉ संजीदा खानम शाहीन

 

बात उस वक्त की है जब एक परिवार सुखी संपन्न रहता था। पड़ोस में एक नया परिवार आया रहने ,वो हवेली उनके पुरखों की थी ।जिसमें नया परिवार आया था । उनकी एक लड़की सुंदर सी जिसका नाम कल्पना है।
और पड़ोस में रहने वाले शर्मा जी का लड़का जिसका नाम अंकुर है ।
कल्पना और अंकुर में गहरी दोस्ती हो गई, और वो शादी करना चाहते थे।
अंकुर बहुत स्मार्ट और अच्छा इंसान ।और कल्पना भी सुशील गुणी सुंदर जोड़ी बहुत आकर्षक दोनों परिवारों तक बात पहुंची ,सबको रिश्ता बहुत पसंद था ।धर्म जी और शर्मा जी, जो लड़काऔर लड़की के पिता उन्होंने शुभ मुहूर्त देखकर कुंडली मिलाई 36 गुण मिल गए ।
और रोके की रस्म के लिए सब तैयारियों में मगन थे ,अचानक आंधी ,तूफान, बारिश लाईट चली गई घोर अंधेरा और हाथ से हाथ न दिख रहा ।
अंकुर को कुछ हवेली में आवाजे सुनाई दी, अंकुर उस आवाज के पीछे चल दिया ।एक परछाई थी जो अंकुर को अपनी तरफ बुला रही थी ।और वो नदी किनारे ले गई ।अंकुर को वश में करके वो किसी औरत की आत्मा थी
अशांत थी ।अचानक बिजली आई तो सबने देखा अंकुर कहा है ढूंढा तो नदी किनारे मिला ।अंकुर खुद हैरान था में यहां कैसे आया ।और तब से वो आत्मा
अंकुर को पाना चाहती थी। और परेशान करती ।एक दिन आत्मा अंकुर को स्पष्ट दिखाई दी ,आधा जिस्म जला हुआ। बहुत भयानक वो शादी नहीं होने देगी बोल रही ।अंकुर तुम मेरे हो।
ये मंजर देख अंकुर बहुत डर गया ।
कल्पना भी बहुत डर गई आत्मा ने कहा सबको मार डालूंगी ।उनके घर के नौकर रामू काका को मार चुकी थी आत्मा ।अब वो कल्पना को मारना चाहती थी ।उसी वक्त लड़के की मां आरती ने तांत्रिक बाबा को बुलाया और आत्मा का रहस्य जाना ।पता चला जिस हवेली में कल्पना रहती थी वहां पर उनके दादा जी के हाथों एक गुनाह हो गया था ।जो आत्मा थी वो एक बहुत सुंदर लड़की हुआ करती थी
जिसका नाम रुचि था ,उसे कल्पना के दादा से प्यार हो गया था एक दिन रुचि बोली में ,अरुण जी ,कल्पना के दादा जी से में आपके बच्चे की मां बनने वाली हूं मुझ से शादी कर लो
कल्पना के दादा ने मन कर दिया बोले मेरा परिवार है में शादी नहीं कर सकता ।
एक दिन अचानक वो घर आई मौका देखकर ,उस रात कल्पना की दादी मायके गई हुई थी। रुचि घर आकर बोली में सच्चाई , सबको बता दूंगी ।तभी आवेश में आकर रुचि ने खुद पर घासलेट छिड़क लिया और कमरे बंद हो गई तीली लगा दी जल गई ।उसकी लाश को हवेली के तेखाने में जाकर दफना दिया कल्पना के दादा ने मारे डर के ,तब से ये राज राज रहा आज खुला ।
तांत्रिक बोला वो आत्मा बदला चाहती है ।वो विवाह करना चाहती थी उसका विवाह हुआ नहीं, अब वो विवाह करना चाहती है, अंकुर के साथ इसलिए इस आत्मा को शांत करना होगा उतार करना होगा ,उसकी लाश को ढूंढकर अंतिम संस्कार करना होगा
बहुत खतरा है ।मंत्रों का जाप कल्पना को करना होगा । कठिन है अगर अंकुर को पाना है तो हिम्मत तो करनी होगी।कल्पना तैयार थी ।उसकी लाश मिल गई और फिर क्रिया विधि शुरू की और उस आत्मा की शांति हवन ने, कल्पना की हिम्मत ने अंकुर को बचा लिया बहुत मुसीबतों के बाद ।
इसलिए कहते है कि सच्चा प्यार अमर होता है ।

डॉ संजीदा खानम शाहीन

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