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ड्रॉइंग रूम में बैठ कर बंदूक चलाने वालों, कुछ शर्म करो। नृशंस हत्याओं पे फर्जी सियासत करने वालों, कुछ शर्म करो —- पवन मल्होत्रा एडवोकेट

ड्रॉइंग रूम में बैठ कर बंदूक चलाने वालों, कुछ शर्म करो।
नृशंस हत्याओं पे फर्जी सियासत करने वालों, कुछ शर्म करो —- पवन मल्होत्रा एडवोकेट

कब तक पीटा जाएगा इस तरह पुरानी लकीरों को,
हाथ बाँध कर रोका जाएगा देश के साहसी वीरों को,
समय निकल गया सोचने का कि अंजाम क्या होगा,
आतंकवाद को नेस्तनाबूद करने के लिए कुछ कर्म करो।
जघन्य हत्याओं पर कैंडल मार्च निकालने वालों, कुछ शर्म करो।

कब तक सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल कर दुख जतलाओगे,
इन हत्याओं का जिम्मेदार कब तक पूर्वकाल को बतलाओगे,
असंख्य हथौड़े अब तैयार हैं बदले में वार पर वार करने को,
बस इस बार रणभेरी बजा युद्धभूमि का लोहा तुम गर्म करो।
निर्दोषों के कातिलों की खून की नदियाँ बहाने में ना शर्म करो।

मच्छर सा पड़ोसी देश आखिर कब तक भिन भिन करता रहेगा,
बॉर्डर पे जवान सत्ता आदेश का इंतजार कब तक करता रहेगा,
बहुत देर हो चुकी, अब दे दो हुक्म, दहशतगर्दों पर चढ़ाई का,
आंतकियों को जड़ से मिटाने का ऐलान कर कुछ सत्कर्म करो।
हत्यारों को मिटा शहीदों को श्रद्धांजलि देने का पुण्यकर्म करो।

पवन मल्होत्रा एडवोकेट

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