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फेसबुक और सोशल मीडिया के फ्रोडिये (भाग-१)  — राजेश कुमार ‘राज’

 

श्याम लाल शर्मा मेरे पडोसी हैं। उनकी उम्र होगी तक़रीबन ५५-६० के बीच। श्याम लाल एक छोट-मोटे कारोबारी हैं।परंपरागत तरीके से बिज़नस करने में विश्वास रखते हैं। वो एक दिन दौड़े-दौड़े मेरे पास आये। उन्होंने हांफते-हांफते बोला, “मैं तो फंस गया बचा लीजिये।” अक्सर लोग मेरे पास पुलिस और कानून से जुड़े मसलों पर सलाह लेने आते रहते हैं। मैंने उन्हें शांति से कुर्सी पर बैठ जाने के लिए बोला। पत्नी से उनके लिए एक गिलास पानी लाने के लिए कहा। तुरंत ही एक गिलास पानी आ गया जिसे वो गटगट कर के पी गए। इसके बाद मैं पत्नी को दो कप चाय बनाने के लिए कह कर श्याम लाल जी की समस्या की तरफ मुखातिब हुआ।

“हाँ, अब बताइए श्याम बाबू क्यों इतना घबडाये हुए हैं?” मैंने अपना हाथ उनके कंधे पर रखते हुए पूछा। अब जो श्याम लाल जी ने बताया उसने मुझे भी हैरत में डाल दिया। कोई इतना कैसे गिर सकता है कि एक संभ्रांत और इज्जतदार आदमी की इज्जत ख़राब करने पर उतारू हो जाये। श्याम लाल जी ने मुझे बताया कि हाल ही में उन्होंने फेसबुक को सब्सक्राइब किया है ताकि कुछ अच्छे और नेक लोगो से कभी-कभार कुछ सार्थक बातचीत हो सके।

उन्होंने आगे बताया कि कल रात एक जवान महिला ने उन्हें फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी। वो अपने कामकाज में व्यस्त थे तो उन्होंने ज्यादा छानबीन किये बिना रिक्वेस्ट को स्वीकार कर लिया। सामान्य बातचीत के दौरान वह महिला उन्हें ठीक-ठाक चरित्र वाली लगी। महिला ने श्याम लाल जी से उनका वाट्सएप्प नंबर माँगा जो श्याम लाल जी ने थोड़ी सी हिचकिचाहट के बाद दे दिया। श्याम लाल जी ने आगे बताया कि कल रात को उसी महिला मित्र की वाट्सएप्प पर वीडियो कॉल आई। शर्मा जी को कुछ पता तो था नहीं सो उन्होंने वो कॉल रिसीव कर ली। कॉलर की तरफ से एक महिला की नग्न वीडियो चलनी प्रारंभ हो गयी। श्याम लाल जी हतप्रभ रह गए और उन्होंने हड़बड़ी में वो वीडियो कॉल काट दी और उस महिला को ब्लाक कर दिया। अगले दिन सुबह-सुबह उसी महिला ने किसी दूसरे नंबर से शर्मा जी को फ़ोन किया और रात वाली वीडिओ को डिलीट करने की एवज में २५००० रुपये की मांग की अन्यथा उसे यूट्यूब पर वायरल करने की धमकी भी दी। शर्मा जी ने किसी तरह उस महिला से फौरी तौर पर तो पीछा छुड़ा लिया लेकिन उनकी समस्या का अंत होता दीख ही नहीं रहा था। अब उन्हें किसी यूट्यूब मैनेजर का कॉल आया उसने बताया कि एक महिला और उनकी नग्न वीडिओ उन्हें मिली है। उसने कहा अगर वीडिओ डिलीट करनी है तो महिला को २५००० रुपये देकर पिंड छुड़ा लीजिये। वर्ना यह वीडिओ यूट्यूब पर वायरल कर दी जाएगी। अभी इस कॉल से पीछा छुड़ाया ही था कि किसी पुलिस वाले ने बावर्दी शर्मा जी को वीडिओ काॅल मिला दी। पहले तो उन्हें खूब डराया धमकाया। बाद में महिला से तुरन्त सुलह करके पुलिस को बताने के लिए बोला। अच्छी बात ये थी कि शर्मा जी ने सभी कॉल्स को रिकॉर्ड कर लिया था।

मैं पूरा माजरा समझ चुका था। शर्मा जी ब्लैकमेलर्स के चक्कर में फंस चुके थे। पहले मैंने शर्मा जी से यह तस्दीक की कि क्या उन्होंने तो लड़की से बातचीत के दौरान कोई अश्लील हरकत नहीं की। शर्मा जी ने बीवी-बच्चों की कसम खाकर बताया की उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया। अब मैंने वीडियो कॉल पर पुलिस से हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग देखनी शुरू की। शर्मा जी ने बताया था कि फ़ोन मुंबई पुलिस की तरफ से आया था। लेकिन वीडियो में धमकी देने वाले कथित पुलिस अधिकारी ने किसी दूसरे ही प्रदेश की पुलिस के रैंक और बैज पहने हुए थे। इस से सिद्ध हो गया कि वो नकली पुलिस वाला था। मैंने शर्मा जी को समझाया कि डरने की कोई बात नहीं। अगली बार फ़ोन आये तो उनको सख्त लहजे में बोल देना कि तुम्हें जो करना है कर लो, मैं एक चवन्नी भी देने वाला नहीं हूँ। उलटे तुम्हारे खिलाफ ब्लैकमेल करने के अपराध में पुलिस में केस दर्ज करूँगा।

खैर इतना सब करने के पश्चात श्याम लाल शर्मा जी के पास दोबारा उन ब्लैक्मेलर्स का कोई कॉल नहीं आया। श्याम लाल जी का पीछा तो छूट गया लेकिन हम सब को इस घटना से सबक लेने की जरुरत है। मैं अपने अनुभव के आधार पर निम्नलिखित सुझाव दे रहा हूँ। इनको अमल में ला कर आप ऐसे ब्लैकमेलर्स से १००% नहीं तो ७० से ९०% तक सुरक्षित हो ही जायेंगे।

१. सबसे पहले आपके जितने भी मेटा एकाउंट्स हैं उन्हें सुरक्षित कीजिये। फेसबुक अकाउंट को लॉक कीजिये, इन्स्टाग्राम अकाउंट को प्राइवेट करिये और वाट्सएप्प अकाउंट को पासवर्ड की सुरक्षा दीजिये।

२. किसी की भी फ्रेंड रिक्वेस्ट को स्वीकारने से पहले उसके अकाउंट की डिटेल्स अवश्य जांचिए। अगर उसमे व्यक्तिगत डिटेल्स नहीं हैं तो उसकी रिक्वेस्ट को रिजेक्ट कर दीजिये।

३. बिना डीपी वाले एकाउंट्स से संपर्क मत कीजिये। आप नहीं जानते कि कौन उस अकाउंट को संचालित कर रहा है। वैसे फ्रोड्स तो डीपी वाले एकाउंट्स से भी होते हैं लेकिन इस सलाह को एक सावधानी के तौर पर इस्तेमाल करें।

४. महिलाओं का स्वाभाव स्वयं को सुरक्षित और प्राइवेट रखने का होता होता है। महिलाएं अमूमन अपनी तरफ से फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हुए संकोच करती हैं। इसलिए यदि किसी महिला की फ्रेंड रिक्वेस्ट आपको मिले तो कान खड़े कर लीजिये। इस तरह की फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजने वाली अधिकतर महिलाओं के गुप्त मंसूबे होते हैं। ऐसी फ्रेंड रिक्वेस्ट को स्वीकार ना करें।

५. फ्रोड्स की मानसिकता होती है कि वें समय बर्बाद नहीं करते। परिचय के तुरन्त बाद अगर कोई महिला या पुरुष आपका वाट्सएप्प नंबर मांगने लगे तो सावधान हो जाइये। वह व्यक्ति ब्लैकमेलर हो सकता है। अगर किसी को नंबर दे भी दिया है तो उनकी वीडियो कॉल आने पर अपने फ्रंट कैमरा को अपने हाथ की किसी अंगुली या अंगूठे से ढक कर बात करनी चाहिए ताकि आपकी फोटो सामने वाले को ना मिल सके।

६. कभी-कभी भरोसा जीतने की नीयत से ब्लैकमेलर महिला/पुरुष काफी लम्बे समय तक सामान्य वार्तालाप करते रह सकता है। इसलिए वो क्या बोल रहे हैं, किस बात पर ज्यादा जोर दे रहे हैं, का गहनता से विश्लेषण करना चाहिए।

७. अगर ऊपर वर्णित जैसी कोई समस्या से आपका सामना हो जाये तो ब्लैकमेलर्स से डरें नहीं बल्कि उनका डट कर मुकाबला करें। अगर जरुरत आन पड़े तो मामले को पुलिस/साइबर पुलिस तक ले जाएँ।

८. जैसे-जैसे जनता ब्लैकमेलर्स के षड्यंत्रों के विरुद्ध जागरूक होती जाती है, वैसे-वैसे ब्लैकमेलर्स भी नयी-नयी तरकीबें इजाद करते और आजमाते हैं। ऐसे लोगों के विरुद्ध सबसे कारगर हथियार है आपकी छठी इंद्रीय, जिसे प्रत्युत्पन्नमति (सिक्स्थ सेंस) भी कहते हैं, होती है। जब भी मन में कुछ दुविधा आ जाये या किसी के बातचीत करने की शैली में जरा भी बदलाव दिखाई पड़े या कोई ऐसे सवाल पूछने लगे जिसका उस से कुछ भी लेना-देना ही ना हो या आपकी व्यक्तिगत जानकारी अथवा आपके मेटा एकाउंट्स की आईडी/पासवर्ड जानने की कोशिश करे तो सावधान हो जाइये और सुरक्षात्मक उपाय कीजिये। सावधानी हटी दुर्घटना घटी।

यह आवश्यक नहीं है की प्रत्येक ब्लैकमेलर एक ही प्रकार से कार्य करता है. वह कोई नयी तरकीब भी अपना सकता है। इसलिए आपको बहुत सावधान रहना है और उसके सवालों का सावधानी पूर्वक विश्लेषण करके ही जवाब देना है। यदि आपको लेशमात्र भी शंका हो जाये तो तुरंत ऐसे अकाउंट को ब्लाक कर दीजिये। अपनी परिस्थिति और समस्या के अनुसार आप अपना निजी सुरक्षा चक्र भी बना सकते हैं। उपरोक्त गाइडलाइन्स का मकसद आपको प्राथमिक स्तर के खतरा-संकेत और सुझाव प्रदान करना है।

अगली किश्त में किसी दूसरे ऑनलाइन फ्रॉड के बारे में बात करेंगें.

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