गोविंद देवजी मंदिर में नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ के साथ मनाया संस्कारोत्सव – पंच तत्वों का पूजन कर मनाया जन्म दिन संस्कार

जयपुर। ऋषि प्रणीत भरतीय संस्कृति के अनुसार यज्ञ के साथ जन्मदिन संस्कार मनाने की आदि परम्परा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से रविवार को आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में रविवार को संस्कारोत्सव-2025 का आयोजन किया गया । इसमें जन्मदिन संस्कार को भारतीय तरीके से मनाने पर जोर दिया गया। आधा दर्जन लोगों ने पंच तत्वों धरती, वायु, आकाश, जल और अग्नि का पूजन कर जन्मदिन संस्कार मनाया।
मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में संस्कारोत्सव को गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी की टोली के डॉ अजय भारद्वाज, गायत्री प्रसाद , दिनेश मारबदिया ने प्रज्ञा गीतों की सरस प्रस्तुति के साथ संपन्न कराया। मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने प्रारंभ में देव पूजन किया। ठाकुर श्री राधा गोविंद देव जी, देव माता मां गायत्री, पंडित श्रीराम शर्मा , भगवती देवी शर्मा के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित किया। उन्होंने कहा कि मंदिर में हर रविवार को सुबह 8 से 10 बजे तक नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ के साथ जन्म दिन संस्कार मनाए जाएंगे। आचार्य पीठ से गायत्री प्रसाद ने कहा कि जिस तरह हम रामनवमी, श्री कृष्ण जन्माष्टमी, महावीर जयंती, गांधी जयंती के रूप में अवतारों और महापुरुषों का जन्म दिन मनाते हैं उसी तरह हमें अपना जन्मदिन भी उत्साह के साथ मनाना चाहिए।
बाकी संस्कार जीवन में एक बार ही मनाया जाता है मगर जन्म संस्कार हर साल मनाया जाता है। हम भारतीय हैं इसलिए यह सस्कार भारतीय संस्कृति के अनुसार मनाना चाहिए न कि अंग्रेजी सभ्यता के साथ। जन्मदिन आत्म चिंतन का दिन है। साल भर में हमने क्या किया यह विचार करने का दिन है। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ में विश्व कल्याण की कामना के साथ यज्ञ देवता को आहुतियां अर्पित की। जन्म दिन संस्कार मनाने वाले लोगों के उज्ज्वल भविष्य के लिए नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ में विशेष आहुतियां प्रदान करवाई गई। उपस्थित लोगों ने पुष्प वर्षा कर आशीर्वाद प्रदान किया । गोविंद देव जी का चित्र, दुपट्टा, प्रसाद, साहित्य भेंट कर सम्मान किया गया । लोगों ने जन्म दिन पर पौधा लगाने के साथ भविष्य में केक काटकर, मोमबत्ती बुझाकर जन्मदिन नहीं मनाने का संकल्प लिया।