कलशयात्रा के साथ हुई भगवान परशुरामजी की तेजोमय प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा
शास्त्रीनगर की श्री परशुराम वाटिका में धूमधाम से मनाया अक्षय तृतीया महोत्सव

जयपुर। चिरंजीवी भगवान परशुरामजी का जन्मोत्सव अक्षय तृतीया बुधवार को धूमधाम से मनाया गया। राजधानी में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर भगवान परशुरामजी की पूजा-अर्चना, हवन, महाआरती के आयोजन हुए। कई जगह भगवान परशुरामजी की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा भी की गई। इसी कड़ी में शास्त्रीनगर की सुभाष कॉलोनी श्री परशुराम वाटिका में अक्षय तृतीया को भगवान श्री परशुराम जी सवा छह फीट की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गई। मुख्य अतिथि सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा ने प्रारंभ में पूजा-अर्चना कर हवन की पूर्णाहुति की। उन्होंने स्वामी अवधेशाचार्य महाराज, युवाचार्य राघवेन्द्र, महंत कुुंदन लाल चतुर्वेदी, महंत संजय गोस्वामी, महंत लोकेश मिश्रा, धर्म प्रचारक विजय शंकर पांडे, महंत कीर्तिशेखर और ब्राह्मण समाज के अनेक वरिष्ठजनों के साथ भगवान परशुराम जी की प्राण प्रतिष्ठित प्रतिमा का तिलक कर माल्यार्पण किया। इस दौरान मंदिर परिसर जय श्रीराम जय भगवान परशुराम के जयकारों से गूंज उठा। इस मौके पर गोपाल शर्मा ने कहा कि भगवान परशुराम जी की दिव्य प्रतिमा उनके तेज, तप और न्यायप्रिय स्वरूप का सजीव प्रतीक है। इस प्रतिमा की प्रतिष्ठा समाज और देश के लिए यह स्मरण है कि जब भी अधर्म बढ़ता है, धर्म की रक्षा के लिए परशुराम जी जैसा संकल्प आवश्यक है। स्वामी अवधेशाचार्य महाराज ने कहा कि जो अन्याय सहन करता है वह सबसे बड़ा दोषी है। इसलिए अन्याय और अत्याचार नहीं सहे। अपनी और अपनों की रक्षा के लिए शस्त्र का उपयोग सीखें।
तीन सौ महिलाओं ने निकाली कलशयात्रा:*
इससे पूर्व पीएंडटी चौराहा स्थित श्री सर्वेश्वर धाम मंदिर से कलश यात्रा निकाली गई। गाजेबाजे के साथ निकली कलश यात्रा में करीब तीन सौ महिलाएं पीली साड़ी पहनकर सिर पर कलश रखकर नाचती-गाती चल रही थी। जगह-जगह पुष्प वर्षा कर कलश यात्रा का स्वागत किया और मिल्क रोज पिलाया। जयकारों के साथ कलश यात्रा विभिन्न मार्गों से होते हुए सुभाष कॉलोनी के श्री परशुराम वाटिका पहुंची। यहां कलश यात्रा का भव्य स्वागत किया गया।
डॉ. प्रशांत शर्मा के आचार्यत्व में विद्वानों ने प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व गौरी-गणपति, कलश, वास्तु पूजन के बाद हवन किया। शुभ मुर्हूत में वेद मंत्रोच्चार के साथ भगवान परशुरामजी की प्राण प्रतिष्ठा की गई। इस मौके पर शास्त्रीनगर के सभी समाजों के लोग उपस्थित रहे।