मैन ऑफ टाइम” द्वारा राम नवमी पर अंतर्राष्ट्रीय आयोजन – “समय-ईश्वर-ब्रह्मांड दर्शन” ने दिया विश्व शांति, सुरक्षा और सद्भावना का संदेश
श्रीराम सद्भावना सम्मान-2025" से कलाकार, साहित्यकार, पत्रकार और समाजसेवी हुए सम्मानित

जयपुर। नववर्ष विक्रम संवत्-2082, चैत्र नवरात्रि एवं राम नवमी महोत्सव-2025 के पावन अवसर पर “मैन ऑफ टाइम – विश्व सुरक्षा अभियान” और “अंतर्राष्ट्रीय सद्भावना मंच” के तत्वावधान में 141वाँ सांस्कृतिक-आध्यात्मिक आयोजन – “समय-ईश्वर-ब्रह्मांड दर्शन” रविवार 06 अप्रैल को सायं 07 बजे गूगल मीट के अंतर्राष्ट्रीय पटल पर भव्य रूप में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मंच के संस्थापक अध्यक्ष कवि संदीप कपूर ‘वक्तनाम’ ने की। उन्होंने अपनी प्रेरणाशक्ति अध्यापिका मंजु कपूर को स्मरण करते हुए गुरुवंदना एवं श्रीराम वंदना के साथ आयोजन का शुभारंभ किया –
“हर क्षण और कण-कण में राम, राम से बड़ा राम का नाम”।
उन्होंने अपने भक्ति गीत –
“श्रीराम के सिवा दूजा नहीं सहारा, जप ले ऐ बंदे मौका नहीं दुबारा”
से पूरे वातावरण को आध्यात्मिक बना दिया।
विशिष्ट व अंतर्राष्ट्रीय अतिथियों में शामिल रहे:
- डॉ. विजय कुमार मेहता (अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष, न्यूयॉर्क, अमेरिका)
- भजन सम्राट अनूप जलोटा (दिग्दर्शक)
- डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा (अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चिकित्सक, आगरा – उद्घाटनकर्ता)
- डॉ. अनिल सुलभ (अध्यक्ष, बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन – मुख्य अतिथि)
- कौशल कुमार सिंह (समाजसेवी – अति विशिष्ट अतिथि)
- कवि जे.पी. शर्मा (वरिष्ठ पत्रकार, नजर इंडिया 24 – विशिष्ट अतिथि)
- संध्या कपूर (महासचिव, समाजसेवी)
- ब्रजेश कुमार प्रसाद गौरव (संरक्षक, अध्यापक)
- ई. अजीत कुमार सिंह (संरक्षक)
- डॉ. कृष्णा सिंह (कार्यक्रम निर्देशक)
- प्रो. डॉ. तृप्ति कुमारी तान्या (राष्ट्रीय अध्यक्ष)
वंदना प्रस्तुति:
- गणेश वंदना – डॉ. कृष्णा सिंह
- सरस्वती वंदना – डॉ. तृप्ति कुमारी तान्या
सेमिनार में विचार व्यक्त किए:
- कवि संदीप कपूर ‘वक्तनाम’ ने कहा –
“समय की समझ, ईश्वर की कृपा और ब्रह्मांड के रहस्य – इनका समन्वय ही संतुलित विश्व, शांति और विकास की राह है।” - डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा ने कहा – “मानव सेवा ही परम धर्म है।”
- डॉ. अनिल सुलभ ने कहा – “निखिल ब्रह्मांड में एक ही सत्य – परमात्मा है, जीवन को लोककल्याणकारी बनाएं।”
कवि सम्मेलन में शानदार प्रस्तुति दी:
डॉ. अनिल सुलभ – “रम रहे हो सब में राम, जगत में एक तेरा ही नाम”
- कवि अभय कुमार – “सब छोड़ कर अब खाली हाथ चला…”
- डॉ. कृष्णा सिंह – “अब कल्कि अवतार चाहिए, परशु का कुठार चाहिए”
- प्रो. डॉ. तृप्ति कुमारी तान्या – “भारत की धरती पे खेले, जिनकी सृष्टि सारी बलैया ले ले…”
- डॉ. सुनील कुमार उपाध्याय – “ए शेरावाली दुनिया में बाटे राऊर शोर”
- कवि शम्भु शरण शरणागत – “ब्रह्म मुहूर्त बेला में अपने को जगाओ” व “टूटा-सा मेरा पतवार हो, प्रभु नैया सम्भालो”
- आयुष राज – “हे नारायण! अब तो तुम अवतार धरो।”
- विश्वांगी कपूर – “इस कलयुग में भी रावण कई अब आकर इनका अंत करो।”
- ब्राह्मी कपूर व सुयश श्रेयस ने भी अपनी प्रस्तुतियों से कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की।
“श्रीराम सद्भावना सम्मान-2025” से सम्मानित किए गए:
कार्यक्रम के अंत में कलाकारों, प्रबुद्ध कवियों, साहित्यकारों, पत्रकारों और समाजसेवियों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए “श्रीराम सद्भावना सम्मान-2025” के अंतर्गत प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
यह आयोजन भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिक चेतना और साहित्यिक गरिमा के वैश्विक विस्तार की दिशा में एक प्रेरक पहल बन गया।