रामायण की कथा भजन के माध्यम से मेरे शब्दों में -6 __ रूपल दवे

सब पर शब्द मोहिनी डारी,
मन्त्र मुग्ध भये सब नर नारी,
यूँ दिन रैन जात हैं बीते,
लव कुश नें सबके मन जीते।
यहां कहा गया है कि ऐसे सुंदर शब्द कहे की सभी नर नारी मंत्र मुग्ध हो गए फिर कहा गया है की ऐसे ही दिन और रात बीत जाती थी और लव कुश ने अपनी मधुर वाणी से सबके मन जीत लिए थे।
वन गमन, सीता हरण, हनुमत मिलन,
लंका दहन, रावण मरण, अयोध्या पुनरागमन।
तत्पश्चात कहा गया है की वन गए,सीता का हरण हुआ, हनुमान से मिलन,लंका दहन,रावण मरण,अयोध्या में पुनरागमन यानी वापस आए।
सविस्तार सब कथा सुनाई,
राजा राम भये रघुराई,
राम राज आयो सुखदाई,
सुख समृद्धि श्री घर घर आई।
इस में कहा गया है की विस्तार से सब कथा सुनाई और राम राजा बने और उन्हें रघुराई का पद मिला।राम राज्य में सुख आया और सुख के साथ साथ समृद्धि भी घर घर में आई।
काल चक्र नें घटना क्रम में,
ऐसा चक्र चलाया,
राम सिया के जीवन में फिर,
घोर अँधेरा छाया।
समय के चक्र ने घटना क्रम में ऐसा चक्र चलाया फिर कहा गया है कि राम सिया के जीवन में फिर घोर अँधेरा छाया।
रूपल दवे “रूप”