तनाव — बबिता शर्मा

यदि आज नज़रें उठा कर देखा जाए तो तनाव एक जहर की भांति समाज में फैलता जा रहा है जो समाज को अपनी गिरफ्त में जकड़ कर सभी उम्र के लोगों को अपनी जहरीली हवा से ग्रसित रहा है यह समाज के लिए बहुत ही घातक स्थिति का निर्माण कर रहा है जो लोगों में भयानक और जानलेवा बीमारियां उत्पन्न कर समाज को कोढ़ी बना रहा है तनाव आजकल हर छोटी बड़ी उम्र के लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है जिसके कारण सभी उम्र के लोगों में घातक बीमारियां जैसे मिर्गी,कैंसर, पार्किंसन’एस इत्यादि बीमारियों का जन्म होकर सभी पंगु बन रहे हैं और मौत का शिकार बनते जा रहे हैं यह हमारे भविष्य के लिए बहुत ही हानिकारक सिद्ध होगा।
इन सब परिस्थितियों को ध्यान में रखकर यदि निष्कर्ष निकाला जाए तो इसके पीछे तनाव का बहुत बड़ा हाथ रहा है। अत्यधिक बढ़ते तनाव के कारण सारे समाज का माहौल खराब हो रहा है इस ओर ध्यान इंगित कर सोचा जाए तो इसका शीघ्र ही समाधान करना अति आवश्यक है अन्यथा देश का भविष्य धूमिल होने में अधिक समय नहीं लगेगा यह है एक अजगर की भांति सभी लोगों को निगल जाएगा और पृथ्वी पर सभी शून्य के समान हो जाएगा।
अतः इसके प्रति हमें जागरूक होना परम आवश्यक है निवारण के लिए तनाव को काम करना होगा और लोगों को मनोरंजन गतिविधियों को की और आकर्षित कर उनको शारीरिक और मानसिक तौर तो पर उन्हें उनके लक्ष्य की ओर प्रेरित करना होगा जिससे मानव तनाव को कम कर अपने लक्ष्य की प्रताप की ओर अग्रसर होकर मनोरंजन आत्मक तरीके से सफलता की ओर अग्रसर हो सके अन्यथा यह तनाव एक जंग की भांति लगकर व्यक्ति को जड़ से खा जाएगा।
बबिता शर्मा