आतंक के खिलाफ एकजुट भारत: विश्व सनातन संघ ने दिखाई दृढ़ राष्ट्रभक्ति

जयपुर। हाल ही में देश में हुए आतंकी हमले ने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर चिंतन की आवश्यकता जताई है। इस संकट की घड़ी में जहाँ केंद्र सरकार ने आतंक के खिलाफ सख्त रवैया अपनाया है, वहीं विश्व सनातन संघ ने खुलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व का समर्थन किया है और राष्ट्र की सुरक्षा के लिए हर संभव सहयोग देने की घोषणा की है। संघ के राष्ट्रीय संरक्षक विष्णु दास महाराज ने कहा कि यह समय एकजुटता का है, जब सम्पूर्ण राष्ट्र को सरकार के साथ खड़ा होकर आतंक के विरुद्ध कठोर संदेश देना चाहिए। उन्होंने अपील की कि सभी वर्ग, संप्रदाय और राजनीतिक दल अपने मतभेद भूलकर मातृभूमि की रक्षा के लिए संगठित हों।
राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रभान शर्मा ने एक प्रेस बयान में कहा, भारत पर जब भी संकट आता है, तब यह केवल एक सरकार का नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र का विषय होता है। आतंकवाद के विरुद्ध जो कड़ा रुख केंद्र सरकार ने अपनाया है, उसका हम पूर्ण समर्थन करते हैं। उन्होंने आगे कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ विपक्षी दल इस समय भी राजनीति से ऊपर नहीं उठ पा रहे। जब हमारे जवान शहीद हो रहे हैं और देश में असुरक्षा का माहौल है, तब राजनीति नहीं, राष्ट्रनीति की आवश्यकता है। राष्ट्रीय सलाहकार जे. पी. शर्मा ने भी तीव्र प्रतिक्रिया देते हुए कहा, देश की अखंडता और सुरक्षा सर्वोपरि है। विपक्ष को चाहिए कि वह इस घड़ी में सरकार का साथ दे न कि शत्रुओं को लाभ पहुँचाने वाली बयानबाजी करे। विश्व सनातन संघ हर उस नीति के साथ है जो आतंक के समूल नाश की दिशा में आगे बढ़ती है। इसी क्रम में राष्ट्रीय महासचिव डॉ. राकेश वशिष्ठ ने भी कहा, भारत एक शांति प्रिय राष्ट्र है, लेकिन आतंक के विरुद्ध उसका उत्तर हमेशा कठोर होना चाहिए। हमारी संस्था समाज को जागरूक करने, एकजुट रखने और राष्ट्र की रक्षा के लिए संकल्पित है।
गौरतलब है कि अमेरिका, फ्रांस, रूस, इजरायल, जापान सहित अनेक राष्ट्रों ने इस हमले की निंदा करते हुए भारत को समर्थन दिया है। ऐसे में देश के भीतर विपक्ष द्वारा की गई बयानबाजी को लेकर जनमानस में असंतोष व्याप्त है। विश्व सनातन संघ ने समाज के विभिन्न वर्गों से संवाद शुरू किया है, जिससे देशवासियों में एकता का संदेश जाए और किसी भी आतंकी मंशा को परास्त किया जा सके। संघ के कार्यकर्ता देशभर में जागरूकता कार्यक्रम चला रहे हैं, जिसमें सेना का मनोबल बढ़ाना, राष्ट्रीय एकता रैलियाँ और आतंक विरोधी शपथ का आयोजन शामिल है। जब राष्ट्र पर संकट हो, तब प्रत्येक नागरिक, प्रत्येक संगठन और हर राजनैतिक दल का कर्तव्य होता है कि वह राष्ट्रहित में एकजुट हो। विश्व सनातन संघ का यह रुख न केवल देशभक्ति की मिसाल है, बल्कि राजनीतिक दलों के लिए भी एक संदेश है – पहले देश, फिर राजनीति।