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भारतीय सेना का अपमान और राजनीति: एक चिंताजनक प्रवृत्ति – अरुण शर्मा 

कर्नल सोफिया और विंग कमांडर व्योमिका सिंह:गर्व हैं, बहस नहीं

 

लगातार कुछ राजनेताओं द्वारा भारतीय सेना और उसके वीर सैनिकों के साहसिक कार्यों पर सबूत मांगना, अभद्र टिप्पणी करना और अमर्यादित भाषा का प्रयोग करना न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि यह देश की सुरक्षा व्यवस्था का भी अपमान है। यह प्रवृत्ति निंदनीय है और अक्सर यह जानबूझकर, सुनियोजित तरीके से की जाती है। ऐसी घटनाएं पहले भी देखने को मिली हैं, जब सेना पर राजनीतिक लाभ के लिए बयानबाज़ी की गई। हाल ही में मध्य प्रदेश के एक राजनेता ने कर्नल सोफिया कुरैशी के प्रति विवादित और आपत्तिजनक टिप्पणी की, जो सेना की गरिमा के विरुद्ध थी। इससे भी ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि हाल ही में उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने विंग कमांडर व्योमिका सिंह के लिए जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया। यह न केवल असंवेदनशीलता का उदाहरण है, बल्कि समाज में विभाजन फैलाने वाला बयान है। यह गंभीर चिंता का विषय है कि अब तक समाजवादी पार्टी ने इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। इससे यह प्रतीत होता है कि कुछ राजनीतिक दल केवल जनता को गुमराह करने, भ्रामक बयानबाज़ी करने और समाज को भ्रमित कर वोट बटोरने के लिए ऐसे षड्यंत्र रचते हैं।हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह न केवल भारतीय सेना का गौरव हैं, बल्कि संपूर्ण भारत की बेटियाँ हैं। उनका सम्मान करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। संपूर्ण भारत को इन वीरांगनाओं पर गर्व है।

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