धर्म के नाम पर हत्याएं, आतंकी समर्थकों पर कार्रवाई क्यों नहीं? — विश्व सनातन संघ का सरकार से तीखा सवाल

जयपुर । देश एक बार फिर आतंक की आग में झुलस गया, जब आतंकवादियों ने धर्म पूछकर निर्दोष नागरिकों की निर्मम हत्याएं कीं। इस जघन्य कृत्य ने पूरे राष्ट्र को झकझोर दिया है। लेकिन इससे भी अधिक चिंताजनक यह है कि देश के भीतर ही कुछ तथाकथित बुद्धिजीवी और संगठन खुलेआम आतंकियों का पक्ष लेते दिखाई दे रहे हैं। विश्व सनातन संघ ने इस स्थिति पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि देशद्रोहियों और आतंकी समर्थकों को अब बख्शना देशहित में नहीं है। संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रभान शर्मा, महासचिव डॉ. राकेश विशिष्ट और राष्ट्रीय
सलाहकार जे. पी. शर्मा ने एकजुट होकर सरकार से मांग की है कि ऐसे गद्दारों पर तुरंत कठोरतम कार्रवाई की जाए ताकि आने वाली पीढ़ियाँ यह जान सकें कि भारतवर्ष में देशविरोध की कोई जगह नहीं। उन्होंने कहा, “यह विडंबना नहीं तो और क्या है कि एक ओर हमारे जवान सीमा पर संघर्ष कर रहे हैं, दूसरी ओर कुछ लोग देश के भीतर ही आतंकवाद को वैचारिक समर्थन दे रहे हैं। क्या यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है या राष्ट्र के विरुद्ध षड्यंत्र?”
चंद्रभान शर्मा ने दो टूक कहा, “सरकार को अब केवल निंदा से आगे बढ़कर कार्रवाई करनी चाहिए। देश के दुश्मनों के साथ नरमी, देश की आत्मा के साथ धोखा है।”
डॉ. राकेश विशिष्ट ने कहा, “सत्य यही है कि देश की एकता और अखंडता के साथ खिलवाड़ करने वालों को अब पहचानने और दंडित करने का समय आ गया है।”राष्ट्रीय सलाहकार जे. पी. शर्मा ने स्पष्ट किया, “राष्ट्रहित सर्वोपरि है, और यदि कोई भी व्यक्ति या संगठन इसे चोट पहुँचाता है, तो उसका विरोध करना हर नागरिक का धर्म है।”
विश्व सनातन संघ ने यह भी संकेत दिया है कि यदि सरकार शीघ्र ही कठोर कदम नहीं उठाती, तो एक राष्ट्रव्यापी जनजागरण अभियान चलाया जाएगा, जिसमें जनमानस को ऐसे राष्ट्रद्रोहियों की पहचान और बहिष्कार के लिए प्रेरित किया जाएगा।अब देश पूछ रहा है —क्या देश की सुरक्षा से बड़ा कोई राजनीतिक समीकरण हो सकता है?कब तक देश गद्दारों के लिए सहिष्णु बना रहेगा?
क्या सरकार अब भी नहीं जागेगी?