Uncategorized

हमारी परम्पराओं का वैज्ञानिक महत्व, — अलका गर्ग

 

हमारी संस्कृति में परम्पराओं का वैज्ञानिक महत्व बहुत अधिक है पर हमें उसका ज्ञान बहुत कम है।आदिकाल से ही हमारे पूर्वज जो भी परम्परायें रीति रिवाज़ बनाते आयें हैं उन सभी के पीछे बहुत सही विज्ञान था। बिना आधुनिक शिक्षा और विज्ञान के उनका ज्ञान कितना महान था,उन्हें कितनी सटीक जानकारी थी यह बड़े आश्चर्य की बात है।उन्होंने हर परम्परा किसी न किसी ऋतु,मौसम,फसल,लाभदायक पशु,पक्षी,रिश्ते को ध्यान में रखते हुए बनाई।वे अच्छी तरह जानते थे कि तिलक लगाने से आज्ञाचक्र में ध्यान केंद्रित होता है,जनेऊ पहनना, झुक कर पाँव छूना,नाक कान छेड़ना,मुंडन हरेक के पीछे ठोस विज्ञान है।स्त्री पुरुष के आभूषण वस्त्र शृंगार भी वैज्ञानिक तथ्य लिए हुए है ।
होली जलाने से ले कर होली खेलने
तक के पीछे वैज्ञानिक कारणों का उन्हें पता था।ऋतु परिवर्तन के समय भीगे टेसू पलाश हारसिंगार का पानी शरीर को लाभ पहुँचता है।दिवाली के दिए भी शीतक़ालीन कीट पतंगो से छुटकारा दिलाने के लिए जलाए।मकर संक्रांति में सूर्य का स्थान परिवर्तन,चंद्र,सूर्य ग्रहण के लाभ हानि के बारे में उनका ज्ञान अतुलनीय था।यहाँ तक कि अन्नकूट भी उस समय होने वाली सभी सब्ज़ियों से मिलने वाला लाभ उठाने के लिए बनाया।आँगन को गोबर से लीपना,पूजा में गोबर लोबान का इस्तेमाल किसी त्यौहार विशेष में ख़ास चीज़ का ज़रूर होना भी उनकी विशेष जानकारी का हिस्सा हैं।
इन सबके अलावा मंदिर के गर्भ गृह के गुम्बद की ऊँचाई गोलाई का वैज्ञानिक ज्ञान, बिना किसी मापक यंत्र के ,हमें आश्चर्यचकित करता है।
कालांतर में तेज रफ़्तार ज़िंदगी और अज्ञानता के कारण पवित्र परंपरायें कम होती चली गईं और इनके सही जानकार भी लुप्त होते गए। और रह गया आधा अधूरा ज्ञान जो हमारी बहुत सी जिज्ञासाओं को शांत न कर सका।और हम भी अपनी नई पीढ़ी को पूर्वजों की गौरवशाली खोजों के बारे में नहीं बता पाए जिसके कारण वे लोग इन्हें रूढ़िवादिता समझ कर अपनाने से हिचकने लगे ।
इसके विपरीत विदेशियों ने भारतीय ज्ञान और परंपरा को अपना लिया और बड़े क्षोम की बात है कि आज हमारा ज्ञान उनके देश की मोहर लग कर वापस यहाँ आ रहा है और हम अपने गौरवशाली अतीत से अनिभिज्ञ होने के कारण उसको सहर्ष अपना रहे हैं।भारत की ऋषि मुनि परंपरा ने हर बात के सटीक उदाहरण और प्रमाण दे कर भारत को विश्व गुरु का दर्जा दिलाया था।

अलका गर्ग,गुरुग्राम

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!