मातृ दिवस की पूर्व संध्या पर भव्य कवि सम्मेलन और काव्य संग्रह विमोचन।

मातृ दिवस की पूर्व संध्या पर प्रेरणा दर्पण साहित्यिक एवम् सांस्कृतिक मंच और साहित्य24 के संयुक्त तत्वावधान में एक कवि सम्मेलन का आयोजन दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के महावीर एन्क्लेव में स्थित भगत चंद्रा हाॅस्पीटल के सभागार में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डाॅ० सी० एल० भगत ने की तथा डाॅ० देवेन्द्र मांझी मुख्य अतिथि और डाॅ० घमंडी लाल अग्रवाल व डाॅ० वर्षा विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
कवि सम्मेलन से पूर्व दो साझा काव्य संकलन, सुनीला नारंग द्वारा सम्पादित ‘माॅं तुझे सलाम’ और चंचल हरेंद्र वशिष्ठ द्वारा सम्पादित ‘वीणा के तार’ का विमोचन किया गया। तत्पश्चात कवि सम्मेलन प्रारम्भ हुआ जिसमें चरनजीत सिंह, चंचल हरेंद्र वशिष्ठ, कुसुम लता कुसुम, मनोरमा, नीता त्रिपाठी, राजेश कुमार ‘राज’, सुनीला नारंग, प्रवीण शर्मा, आदित्य, राधा बिष्ट, अंजू अग्रवाल उत्साही एवम् बी पी भारद्वाज आदि कवि-कवयित्रियों ने माॅं के त्याग, तपस्या, बलिदान और वात्सल्य से ओतप्रोत काव्य पाठ कर समा बांध दिया। मानसी ने माॅं पर एक बहुत ही भावपू्र्ण गीत गा कर सबको भाव विभोर कर दिया कतिपय रचनाकारों ने भारतीय सशस्त्र सेनाओं के अदम्य साहस और बलिदानी जज्बे को सलाम करती कविताएं भी प्रस्तुत की। उदीयमान युवा हस्ताक्षर आदित्य ने अपने वीर रस पूर्ण काव्य पाठ से उपस्थित श्रोतागण को रोमांचित कर दिया। शिखा खुराना द्वारा रचित कविता ‘वो तुम थीं मेरी बेटी’ सबका ध्यान आकर्षित करने में सफल रही। ज्योति भगत ने उपस्थित जनों से प्रदूषण कम करके पृथ्वी माता के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन करने तथा अपनी संतानों में से एक को सेना में भेजने की अपील की।
कार्यक्रम के समापन से पूर्व आयोजक संस्था के संस्थापक डॉ० सी एल भगत, मुख्य अतिथि डॉ० देवेन्द्र मांझी और विशेष अतिथि डॉ० घमंडी लाल अग्रवाल तथा डॉ० वर्षा ने भी अपनी ओजपूर्ण काव्य प्रस्तुति देकर उपस्थित श्रोताओं और कवियों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कवयित्री शिखा खुराना ने मंच संचालन किया। उनकी मंच संचालन की कला और दक्षता ने सबको अपना कायल बना लिया। प्रत्येक कवि-कवयित्री को उन्होंने उनके व्यक्तित्व से मेल खाती चंद काव्य पंक्तियों के साथ आमंत्रित किया जो अपने आप में अद्भुत और चिरस्मरणीय अनुभव रहा।
कार्यक्रम का सफल आयोजन और प्रथम सत्र का संचालन प्रेरणा दर्पण साहित्यिक एवम् सांस्कृतिक मंच और साहित्य24 के संस्थापक हरिप्रकाश पाण्डेय ने किया।
आयोजन के अंत में सभी रचनाकारों को अलंकरण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।