मेरा भारत — महेन्द्र कुमार सिन्हा

मेरा भारत महान है, महान रहेगा।भारत की भूमि ही बहुत पुण्य भूमि है ।ये हमारी माता है, भारत माता है।भारत संस्कारित भूमि है। यहां की संस्कृति संस्कार सभ्यता सबसे अलग सबसे महान है।विश्वगुरु भारत का सबको ऊँचा उठाने में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है।भारत का बहुत सारे आक्रमण कारियों व्यापारियों के द्वारा शोषण दोहन किया गया है। पर भारत माता की भंडार अभी भरा हुआ है।
भारत माता की स्नेह आशीष के आगे शोषक भी नतमस्तक हो गये।भारत की पुण्य भूमि पर ही भगवान कई रूपों में अवतार लिये है।इसी लिए भारत को अवतारों की भूमि भी कहते है।
भारत की भूमि संस्कृति संस्कार सभ्यता का रक्षा वचन स्वयं भगवान ने ली है।कभी साधु संत गुरू महापुरुषों कवि साहित्यकार की रूप धर कर स्वयं भगवान भारत की भूमि में आते है ।भारत में जनजागरण अभियान चलाते है।भारत माता के सच्चे सपूत वीर जवान भारत माता की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगा देते है।
भारत के किसान सबके भरण-पोषण के लिए भरपूर अनाज पैदा करते है। समय के साथ भारत में व्यवस्था बदलता गया। राजतंत्र की जगह अब लोकतंत्र ने स्थान ले लिया है। लोकतंत्र में सभी राजनेताओं भारत की प्रगति सुरक्षा के लिए भरपूर प्रयास करते है। भारत माता के लिए अपनी जान की बाजी भी लगाने को तैयार रहते है ।
हमारे देश भारत में भक्ति का जज्बा सभी भारत वासियों पर कूट कूट कर भरा है।ऐसे मेरा भारत महान है, महान रहेगा, कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
महेन्द्र कुमार सिन्हा जय महासमुंद छत्तीसगढ़