राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस: एक नए युग की शुरुआत –दीपक शर्मा शिक्षाविद् एवं अधिवक्ता

भारत में राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस 21 मई को मनाया जाता है, जो पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्य तिथि है। इस दिन का उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होना और समाज में शांति और सौहार्द को बढ़ावा देना है। आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है जो न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व को प्रभावित करती है। यह एक ऐसी विचारधारा है जो हिंसा और भय को बढ़ावा देती है, जिससे निर्दोष लोगों की जान जोखिम में पड़ती है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई एक जटिल और चुनौतीपूर्ण काम है, जिसमें सरकार, समाज और व्यक्तियों को एकजुट होकर काम करना होता है। हमारा देश आतंकवाद से ही सदा लड़ता रहा है जिसमें हमने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न राजीव जी को खोया हाल ही में पुलवामा एवं पहलगाम जैसी घटनाओं ने देश ही नहीं अपितु पूरे विश्व को स्तब्ध कर दिया है , इन घटनाओं में मानवता की हत्या हुई है और समय समय पर हमारा देश एवं भारतीय सेना ने आतंकवाद और आतंकवाद पैदा करने वाले लोगों पर जवाबी कार्रवाई करता रहा है।
राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस का उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ जागरूकता बढ़ाना और लोगों को इसके खतरों के प्रति सचेत करना है। इस दिन को मनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं,
इन कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को आतंकवाद के कारणों और इसके प्रभावों के बारे में जानकारी दी जाती है। साथ ही, लोगों को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने और समाज में शांति और सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया जाता है।
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में आमजन प्रशासन एवं सरकार की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। सरकार को आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने होते हैं और आतंकवादियों को न्याय के दायरे में लाने के लिए काम करना होता है। साथ ही, सरकार को समाज में शांति और सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए काम करना होता है और लोगों को आतंकवाद के खतरों के प्रति सचेत करना होगा । हमें आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने और समाज में शांति और सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए प्रयत्न करते रहना होगा। हमें आतंकवाद के खतरों के प्रति सचेत रहना होगा और इसके खिलाफ लड़ाई में एकजुट होकर काम करना होगा। तभी हम एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित समाज का निर्माण कर सकते हैं।
क़लम से शिक्षाविद् एवं अधिवक्ता
दीपक शर्मा 21 मई 2025