Uncategorized

संस्मरण — मां की यादगार पिटाई — सीमा त्रिपाठी

 

आज भी याद है मां की वो पिटाई जब पहली बार स्कूल में मेरा एडमिशन हुआ मैं कक्षा के जी में थी तो बड़े प्यार से तैयार होकर स्कूल जाती थी लेकिन कभी अपनी कक्षा में नहीं बैठती थी या तो अपनी बड़ी दीदी की में जो कक्षा आठ में थी उनकी कक्षा में बैठती या मेरी दीदी मेरी कक्षा में बैठती थी बहुत दिनों तक यही सिलसिला चलता रहा तब मेरी टीचर ने मेरी मां को स्कूल बुलाया और उनसे मेरी शिकायत की मां ने कहा ठीक है देखते हैं क्या कर सकते हैं और मुझे लेकर घर वापस आ गई दूसरे दिन सुबह उठकर मुझे तैयार करके नाश्ता टिफिन पैक करके बैग लेकर के स्कूल छोड़ने गई और मुझे मेरी कक्षा में बैठने के लिए कहा मैं थोड़ी देर अपनी कक्षा में मम्मी के साथ बैठी जैसे ही मम्मी घर वापस आने लगी मैं भी उठकर उनके साथ आने लगी बिना मम्मी के मैं एक मिनट भी अपनी कक्षा में नहीं बैठी और मैने जोर जोर से रोना शुरू कर दिया मम्मी ने मुझे कहा ठीक है चलो घर चलते हैं। घर चलने के लिए हम स्कूल के गेट से बाहर जैसे ही निकले वैसे ही मम्मी ने बड़ी जोर का धक्का दिया मै सड़क पर दूर जाकर गिरी ठीक से उठ भी नहीं पाई की मम्मी ने दूसरा धक्का दिया फिर तीसरा और चौथा इसी तरह घर तक ले आई मेरे घुटनों में काफी चोट आ गई थी हाथ में भी मैं बराबर रो रही थी घर आने के बाद वो जबरदस्त पिटाई की उसके बाद उन्होंने मुझे कोठरी में राशन भरने वाले एक बड़े ड्रम में बंद कर दिया मैं शाम तक इस ड्रम में बैठकर रोती रही खाना पानी चाय कुछ नहीं मिला फिर शाम को इत्तेफाक से मेरे छोटे मामा घर आए थोड़ी देर बाद उन्होंने पूछा सीमा कहां है तब सब ने मामा को बताया सुबह से जो हुआ मामा ने मम्मी को बहुत डांटा और मुझे बाहर निकाला फिर अपने साथ लेकर बाहर गए और मुझे कुछ खिलौने टॉफी बिस्किट दिलाए मैं घर आ गई रोती रही रात हुई सो गई अगले दिन सुबह उठी स्कूल जाने के लिए तैयार हुई मम्मी ने कहा चलो छोड़कर आते हैं स्कूल,मैंने कहा नहीं आज दीदी के साथ जाएंगे स्कूल आज स्कूल जाकर सीधे अपनी कक्षा में अपनी सीट पर बैठ गई और अपनी पढ़ाई शुरू की बस उसी दिन से नियम बन गया और पढ़ाई में मन भी लगने लगा जब रिजल्ट आया कक्षा के जी में मैने प्रथम स्थान प्राप्त किया और स्कूल से मुझे कॉपी का सेट पेंसिल का सेट टॉफी बिस्किट्स उपहार में मिले जिसे मैं घर लेकर आई और घरवाले बहुत खुश थे आज मेरी शिक्षा का श्रेय मैं अपनी मां को देती हूं और मां की वो पहली पिटाई को जिसे आज भी याद करती हूं तो कष्ट नहीं होता है आनंद की अनुभूति होती है शायद यही मां का आशीर्वाद था जिससे मैं अपने जीवन में आज सफल हुई हूं।
स्कूल का नाम
कृष्णा देवी गर्ल्स इंटर कालेज
राम नगर आलमबाग लखनऊ
मेरा घर
श्री नगर सिंगार नगर आलमबाग लखनऊ
नियर मॉर्डन वोकेशनल स्कूल।

सीमा त्रिपाठी
लखनऊ उत्तर प्रदेश

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!