फिरोजाबाद ट्रेन हादसा __ उर्मिला पाण्डेय उर्मि

संस्मरण
होनी बड़ी प्रबल होती होके ही रहती है उसे कोई रोक नहीं सकता। ईश्वर की इच्छा के आगे किसी की नहीं चलती।
अभी अभी जो अहमदाबाद में विमान दुर्घटना हुई उसमें कई परिवार के परिवार नष्ट हो गये।
यही विधाता को मंज़ूर था। क्या जब विमान को उड़ाया होगा तब देख कर ही उड़ान भरी होगी। लेकिन फिरभी ऐसी हृदय विदारक घटना का दृश्य सामने आया।इस घटना को देखकर मुझे जब फिरोजाबाद में ट्रेन दुर्घटना हुई उसमें हजारों यात्री सवार थे वह घटना याद आ गई।
जब फिरोजाबाद में ट्रेन दुर्घटना हुई शायं काल का समय था सभी अपने कार्यों से फुर्सत होकर अपने अपने घर की तरफ़ जा रहे थे उसी समय ट्रेन दुर्घटना हुई।
एक दूसरे के ऊपर दोनों ट्रेन भिड़ गयीं काफी ऊचाई तक ट्रेन का डिब्बाऔर इंजन था।
उस घटना को देखकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं कितना भयानक करुणा से भरा हुआ दृश्य था यात्रियों की वह चीत्कार ध्वनि रोना बड़ा करुणांत दृश्य था।
उसमें हजारों की संख्या में नर संहार हुआ था।उस समय में वहीं फिरोजाबाद में ही थी मेरे दिमाग़ में उन्हीं घायलों की आवाज गूंजती रही कई महीनों तक। जिला चिकित्सालय मेरे पास ही था वहां घायल मरीज़ को लाया गया कोई कहता मुझे पानी देदो, कोई कहता मुझे भूख लगी है कोई कहता हम कहां आ गए हैं। हमें हमारे घर भेज दो।
यह ध्वनि सुनकर अच्छे अच्छों के होश घाबड़े हो जाते हैं।वह करुण आवाज में रोना और उनके परिवार वालों का रोना जब उस घटना की याद आती है तो दिल घबराने लगता है। उसमें मैंने देखा कई परिवार के परिवार मौत का ग्रास बन गये। उसमें छोटे-छोटे बच्चे नौजवान वृद्ध सभी स्त्री पुरुष सभी थे भयानक दृश्य आज भी आंखों में आंसू निकलते हैं उस घटना को याद करके।वह नर संहार मानो महाकाली ने वहां तांडव नृत्य शुरू किया हों वहां शवों के ढेर लगे थे।वह अत्यंत भयानक दृश्य था। विकट स विकट परिस्थिति में भी अपना धैर्य नहीं खोना चाहिए। भगवान का नाम लो
भगवान सभी की आत्मा को सद्गति प्रदान करे उसी तरह का हादसा अहमदाबाद विमान दुर्घटना का हुआ।
उर्मिला पाण्डेय उर्मि कवयित्री मैनपुरी उत्तर प्रदेश।