मस्त भटूरा — बबिता शर्मा

एक बार मन हुआ कि कही घुमा जाय और निकल लिए बाजार की तरफ …..घूमते घूमते बाजार की चहल पहल इतनी भा गई कि वहां का सौंदर्य देखते ही बनता था ।तभी किसी के जोर से हंसने की आवाज आती है और हम स्तब्ध रह जाते है ।
चार दोस्त खूब ठहाके लगा कर छोले भटूरे का आनंद ले रहे थे और साथ ही तारीफ भी कर रहे थे ….जीभ में पानी आ रहा था तभी मेरे दोस्त रमेश ने मेरी ओर देखा और एक मुस्कान भरी …..उसका इशारा मै समझ गया और हम भी चले गए उसी ढाबे की ओर ..….
चारों ओर बड़ा ही मस्ती का माहौल था छोले भटूरे थाली में कूद कूद कर नृत्य कर रहे हो ….देखकर ऐसा लगता था ।
हम दोनों भी पास की टेबल पर बैठे ही थे कि तभी वेटर की आवाज आई …….साहब ऑर्डर कीजिए और मेन्यू मेरे हाथ में दे दिया ।
तभी दूसरा वेटर हाथ में जग लिए आकर कहता है ….साहब ठंडा पानी पीजिए आपका ऑर्डर रेडी हो रहा अभी शीघ्र आ जाएगा तब तक आप म्यूजिक इंजॉय कीजिए ।
टेन मिनिट ही बीते थे कि टेबल पर छोले _भटूरे आ गए ..
वॉव..क्या भटूरे थे अंडे के आकार की शेप फूले फूले एकदम लाल मस्त खुशबू ..….अब जीभ रोके नहीं रुक रही थी ।
मैने जैसे ही प्लेट की तरफ हाथ बढ़ाकर भटूरे को तोड़ा कि भटूरा तभी उछल कर दोस्त की थाली में जा गिरा !…मानो जैसे कह रहा हो कि साहब इतनी आसानी से न मिलूंगा ।फिर क्या था दोस्त ने तुरंत भटूरे पर अपना अधिकार जमा लिया और कहा कि ले कर दिखाओ …मैने कुछ देर तो सोचा और दोस्त के सिर के पार देख अपना हाथ ऊपर उठाया और कहा ….. हाय !सपना कैसी हो ? दोस्त ने जैसे ही अपनी गर्ल फ्रेंड का नाम सुना तो बिना एक क्षण भी गवाएं पीछे मुड़ा ..
मुझे मौका मिल गया और मैने उसकी थाली भी अपनी ओर खिसका ली और मजे से छोले के साथ भटूरे का स्वाद लेने लगा फिर क्या था वो मेरा मुंह देख किलस रहा था और उसके मुंह से पानी ऐसे टपक रहा था__ओर रुकने का नाम न ले रहा था ….
मैं जोर जोर से हंस रहा था इस बात से अनभिज्ञ कि हमारे आस पास और भी लोग बैठे हमे देख रहे थे ;तभी अचानक मेरी ओर मेरे मित्र की नजर वहां बैठे लोगों पर पड़ी ….ढाबे में सन्नाटा छा गया ; अब क्या था हम एक दूसरे को ताक रहे थे ….कुछ देर तो चुप रहे लेकिन हंसी ने अपना रंग दिखा दिखा दिया और हमारे साथ सभी लोग ठहाके लगाकर हंसने लगे ; हंसते हंसाते हम दोनों भी मस्त भटूरे का आनंद ले रहे थे ऐसा लग रहा था मानो भटूरे हम देख ओर हम भटूरे पर हंस रहे हो …।
बबिता शर्मा