Uncategorized
निर्जला एकादशी — महेन्द्र कुमार सिन्हा

एकादशी वैसे तो दोनों कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष के ग्यारस को मनाते है।पर जेष्ठ मास शुक्ल पक्ष की ग्यारस को वर्ष की सबसे बड़ी एकादशी व्रत मनाते जिसे निर्जला एकादशी व्रत कहा जाता है।इस एकादशी व्रत में भगवान श्री हरि विष्णु जी की पूजा अर्चना आराधना की जाती है।महर्षि वेदव्यास जी के कहने पर पाँच पाण्डवों में भीमसेन ने वर्ष भर में एक यही निर्जला एकादशी व्रत किया है इसलिए इस एकादशी को भीमसेनी एकादशी भी कहते है। इसे पाण्डव एकादशी भी कहते है।।
यह निर्जला एकादशी व्रत बहुत कठिन है, और यह एकादशी व्रत बहुत ही पुण्य फल दाई है। हम सबसे जैसे बन पड़े वैसे विधि विधान से एकादशी व्रत रखना चाहिए। एकादशी का व्रत हमारे हिन्दू धर्म बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
महेन्द्र कुमार सिन्हा जय महासमुंद छत्तीसगढ़