Uncategorized

सोशल मीडिया — सुनीता तिवारी

 

जीवन की कल्पना बिना सोशल मीडिआ के संभव ही नहीं!
यह जीवन का अभिन्न अंग बन गया है!
सोशल मीडिआ से जुड़कर ही हम अपने आप को जान पाए, बहुत से पुराने दोस्त, सहेलियां मिली, जिनसे मिलने के बाद यूँ लगा, जैसे दुनियाँ मुठ्ठी में समा गई!
सारे लोगों का एक विशाल समुद्र,
जिसमें सारे राज्यों से अलग अलग लोग एक दूसरे के सम्पर्क में हैँ!
बहुत से लोग सबसे मिलकर खुश होते हैँ कुछ असंतोषी लोग खुद को अकेला महसूस करते हैं कई बार तो यही अकेलापन व्यक्ति को डिप्रेशन में ले जाता है फिर व्यक्ति जान तक दे देता है! सोशल मीडिया पर धमकी,उत्पीड़न जैसी घटनाएं लोगों को बहुत तकलीफ देती हैं।
आभासी संसार में खोकर वास्तविक जीवन पीछे छूट जाता है!
सोशल मीडिया पर ज्यादा देर तक नहीं
रहना चाहिए!
ज्यादा रहने से सिर, आँखे दुखती हैं!
इसका सही उपयोग ज्ञान, शिक्षा, संचार, व्यापार के लिए है!
इसका दुरुपयोग व्यक्ति के जीवन को बर्बाद भी कर सकता है!

सुनीता तिवारी

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!