सर्व धर्म समन्वय की उत्कट हो भावना — डॉ० रश्मि अग्रवाल ‘रत्न’

लोगों धर्म में अलगाव मत कीजिए । सर्व -धर्म समन्वय की बात कीजिए । ईश्वर, अल्लाह, और जीसस सब एक ही रूप हैं । जिसको हृदय से मानिए, वहीं आस्था जुड़ती है।
कुछ अलौकिक सत्य भी होते हैं जिनके कारण हम इन्हें सत्य रूप में स्वीकार करते हैं। जिससे आस्था और विश्वास की भावना बढ़ जाती है । ऐसे कई अलौकिक सत्यों का मैंने निदर्शन किया है । मैं जब भी बनारस जाती हूँ । चंदन शहीद बाबा की मज़ार पर दर्शनार्थ हेतु जरूर जाती हूँ । वहाँ उन्हें सिर नवाती हूँ ।साथ ही यह दुआ माँगती हूँ कि पुनः अपने दरबार में दर्शन के लिए मुझको जल्दी बुलाएँ । ये उनके प्रति मेरी आस्था ही है।
इसलिए किसी धर्म के बारे में या धर्मगुरु के बारे में कोई गलत बात बोलना अक्षम्य माना जाता है । मैं तो गुरुद्वारा भी जाती हूँ अभी दिल्ली के बंगला साहिब गुरुद्वारा गई थी । वहाँ परम शान्ति का बोध होता है ।
अपने संकुचित सोच से ऊपर उठिए ।सभी धर्म का सम्मान कीजिए ।अगर अच्छा नहीं बोल सकते तो बुरा भी मत बोलिए ।बुरा बोलने से पाप आपको ही लगेगा ।इससे अच्छा है कि आप तटस्थ भाव ही रखिए ।
डॉ० रश्मि अग्रवाल ‘रत्न’