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वो प्यार क्या झूठा था…रिंकी माथुर

 

वो प्यार क्या झूठा था
सच था या कोई छल था।
जो तुमने मेरे साथ किया,मेरी भावनाओ से खिलवाड किया
*वो प्यार क्या झूठा था…*

अल्हड उम्र की वो भोली भाली बाते ,
ना कोई छल था,ना कोई कपट
एक भोला मन था,प्रेम निश्चल था,
*वो प्यार क्या झूठा था…*

वो वादे जो हमने किये थे,एक दूसरे से,वो क्या थे।
मन का भ्रम या एक दिलासा था।
*वो प्यार क्या झूठा था…*

विश्वास किया था ऑख मूंदकर,
तुम्हारी हर बात पर
अच्छा लग रहा था तुम्हे हर एक पल,
पाना,और तुम्हारे इन्तजार मे
अपना हर पल गंवाना।

रिंकी माथुर

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