योग और स्वास्थ्य — डॉ इंदु भार्गव जयपुर

योग भारतीय संस्कृति की एक अमूल्य देन है, जो न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करता है, बल्कि मानसिक और आत्मिक शांति भी प्रदान करता है। “योग” शब्द संस्कृत धातु “युज्” से बना है, जिसका अर्थ है – जुड़ना या एक होना। योग के माध्यम से शरीर, मन और आत्मा का संतुलन स्थापित होता है।
स्वस्थ जीवन जीने के लिए योग एक अत्यंत प्रभावी साधन है। नियमित योगाभ्यास से शरीर लचीला, मजबूत और ऊर्जावान बनता है। यह पाचन तंत्र, श्वसन प्रणाली, हृदय और मस्तिष्क के कार्य को बेहतर बनाता है। प्राणायाम, ध्यान और आसनों के संयोजन से तनाव, चिंता, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और अनिद्रा जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।
आधुनिक जीवनशैली में अनियमित खानपान, तनाव और शारीरिक निष्क्रियता आम बात हो गई है। ऐसे में योग न केवल रोगों से बचाव करता है, बल्कि मानसिक शांति और भावनात्मक संतुलन भी बनाए रखता है। बच्चों, युवाओं, वृद्धों – सभी के लिए योग उपयोगी और आवश्यक है।
संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 21 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ के रूप में मान्यता देना यह दर्शाता है कि योग की उपयोगिता अब केवल भारत तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह एक वैश्विक धरोहर बन चुका है।
निष्कर्षतः योग केवल एक शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है। यदि हम प्रतिदिन कुछ समय योग के लिए निकालें, तो हम न केवल स्वस्थ शरीर बल्कि शांत और संतुलित मन की प्राप्ति कर सकते हैं!!
डॉ इंदु भार्गव जयपुर