संक्षिप्त : सेहत का महत्त्व — पालजीभाई राठोड़ ‘प्रेम

सेहत का जीवन में बहुत ही महत्त्व है।पहला सुख निरोगी काया।निरोगी काया तभी होगी जब हम अपने फिट रखने के लिए व्यायाम करते रहे। योग भगाऐ रोग योग भी करना आवश्यक है। सुबह में घूमना भी चाहिए।खाने के बाद भी थोड़ा घुमा करो।अपने जो भोजन लिया उस का पाचन होगा।समय समय पर चिकित्सक की सलाह लेते रहे।शरीर निरोगी होगा तभी आप कुछ कर सकेंगे।तन ठीक होगा तो मन भी ठीक होगा।मौसमी बीमारियों में आपको अपनी सेहत के लिए खानपान पर ध्यान देना होगा।खान पान शुद्ध होना चाहिए। ज्यादा चरबी युक्त तैलीय आहार न लेना चाहिए।स्वास्थ्य जीवन का मूलाधार है संयमित जीवन।आहार विहार में एक संयम का पालन करना अपने को स्वस्थ रखने का प्रयास करते हैं। आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में हम हमारी सेहत का ध्यान नहीं रखते।इसी के वजह से अनेक रोगों का शिकार होते हैं।नींद पूरी न होने के कारण तनाव बढ़ता है। जीवन में हंसना भी जरूरी है। हंसी दसों लोगों को
कमाती है तो गुस्सा
सैकड़ों लोगों को
गंवाता भी है।हमेशा सकारात्मक कार्य करने की कोशिश करते रहे। मन में अच्छे विचार रखें। सेहत के बिना हम अपने दैनिक कार्यों ठीक से नहीं कर सकते। अगर हमारा मन स्वस्थ रहेगा तो शरीर में स्फूर्ति रहेगी। हमारा सेहत स्वस्थ रहेगा तो जीवन भी मस्त रहेगा।सेहत को ठीक रखने में चिकित्सक की मुख्य भूमिका होती है। वह हमें सेहत के बारे में जानकारी देकर सचेत करते हैं। चिकित्सक की सलाह सूचन सलाह पर आप को ध्यान देना आवश्यक है।चिकित्सक हमारे लिए भगवान होते हैं।हमें मौत के मुंह में से बाहर निकलते हैं। हमें नए जीवन देते हैं। हमें सभी चिकित्सकों को दिल से सम्मान करना चाहिए। हम दूसरों को उपयोगी तभी हो सकेंगे हम स्वस्थ होंगे।स्वास्थ्य ही हमारी पूंजी है।जब तन मन स्वस्थ रहेगा तभी ईश्वर भक्ति भाव हम कर सकते।हम स्वस्थ होंगे तो हमारा परिवार भी स्वस्थ होगा। स्वास्थ्य अच्छा होगा तो हम जीवन में सफलता पा सकेंगे। उत्तम स्वास्थ्य को श्रेष्ठ धन की उपमा दी गई है।अच्छी जीवन शैली सेहत का मित्र है। इन्हें अपने जीवन में उतरना ही सेहत का राज है। स्वस्थ और सेहतमंद समाज ही सुंदर भारत का निर्माण कर सकते हैं।
“सुबह सबेरे जल्दी उठना पहले उसका संदेश,
तन मन स्वस्थ बनाए भोर सुख की रोशनी विशेष।”
पालजीभाई राठोड़ ‘प्रेम’ सुरेंद्रनगर गुजरात