कल्प प्रगीत आनंद: संस्कृत संवाद के साथ श्रद्धा और संस्कृति का संगम

जयपुर।प्रभु श्री राधा गोपीनाथ जी महाराज की कृपा से संचालित, राष्ट्र प्रथम, हिन्दी भाषा, सनातन संस्कृति एवं सद्साहित्य हेतु कृतसंकल्पित कल्पकथा साहित्य संस्था द्वारा संस्कृत भाषा के सम्मान में आयोजित चार भागों की विशेष लाइव संवाद श्रृंखला कल्प प्रगीत आनंद संस्कृत से संस्कृति का चौथा एवं अंतिम भाग सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। संवाद प्रभारी ज्योति राघव सिंह ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विजय कुमार शर्मा रहे। यह श्रृंखला संस्कृत माह श्रावण माह के अंतर्गत प्रत्येक शनिवार को कल्पकथा परिवार के यूट्यूब चैनल पर प्रसारित की गई। कार्यक्रम की सफलता में प्रभारी विनीता कंवर राठौड़ कतर, मध्य पूर्व) एवं रमेश चंद्र गौतम शामली, उत्तर प्रदेश के विशेष प्रयास सराहनीय रहे। संस्थापिका दीदी राधा श्री शर्मा के कुशल निर्देशन में आयोजित संवाद के चार भागों में क्रमश संस्कृत संभाषण, कारगिल विजय दिवस, आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रॉय, तथा विश्व संस्कृत दिवस जैसे विषयों पर विद्वान वक्ताओं ने संस्कृत भाषा में विचार रखते हुए इसके महत्व एवं आवश्यकता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रहा मुख्य अतिथि विजय कुमार शर्मा द्वारा पुण्यधरा तीर्थगुरु पुष्कर से संध्या आरती का सीधा प्रसारण करवाना तथा विद्वान साधु-संतों के आशीर्वचन को जोड़ना। इनमें महानिर्वाणी अखाड़ा आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंद भारती महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी शैलाशानंद महाराज, निरंजनी अखाड़ा महामंडलेश्वर स्वामी नर्बदाशंकर महाराज तथा कुलगुरु कोटा विश्वविद्यालय बी. पी. सारस्वत शामिल रहे। संचालन पवनेश मिश्र ने किया। गरिमामय उपस्थिति में रघुवंशमणि सिंह,संपादक-संचालक, दैनिक न्यूज धमाका, जमशेदपुर, झारखंड, रवि कुमार भार्गव संपादक, दैनिक अयोध्या टाइम्स, पूर्वी चंपारण, बिहार तथा विजय कुमार शर्मा
प्रधान संपादक, संस्कार न्यूज भारत, अजमेर सम्मिलित रहे।प्रतिभागियों में संस्कृत प्रशिक्षु कुमारी वासु, आकाश भारद्वाज, विनीत सिवाच आदि ने अपनी प्रभावी सहभागिता से कार्यक्रम को सार्थक बनाया।
कुल मिलाकर, संस्कृत भाषा के सम्मान हेतु कल्पकथा परिवार का यह गिलहरी प्रयास जन सहयोग और सराहना के साथ ऐतिहासिक रूप से सफल रहा।