**भगवान से सवाल: तूने पेट क्यों बनाया?**
**भगवान से सवाल: तूने पेट क्यों बनाया?**
भगवान से पूछा मैंने एक दिन,
“हे प्रभु, तूने पेट क्यों बनाया?”
तूने ये भूख की आग जगाई,
फिर तुझे ये संसार रचाने में क्या आया?
क्यों भोजन की तलाश में भटकें,
क्यों हर पल हम इसके लिए भागें?
क्या प्रेम और सुकून कम थे दुनिया में,
जो तूने पेट की चिंता हमारे भाग्य में बांधी?
भगवान मुस्कुराए और बोले धीरे,
“पेट है मेरी लीला का एक हिस्सा प्यारे।
भूख ने ही जगाई तुममें जिज्ञासा,
जीवन की राह में बढ़ने की आशा।
जो पेट न होता, मेहनत न होती,
न सपनों की उड़ान, न मंज़िल होती।
भोजन की तलाश में ही तो रिश्ते बनते,
संघर्ष के संग ही तो तुम सब फलते।
पेट न केवल भूख का प्रतीक है,
ये सिखाता है संयम और संतुलन।
हर निवाला जो खाओ, वो आशीर्वाद है मेरा,
ताकि तुम जानो श्रम और प्रेम का गहरा घेरा।”
सुनकर प्रभु की ये गूढ़ बात,
समझ में आई मुझे उसकी सौगात।
पेट केवल भूख नहीं, जीवन का आधार है,
इसी से तो दुनिया का पूरा संसार है।