Uncategorized

बारिश का दौर थमते ही युग निर्माण के कार्य में जुटा गायत्री परिवार

बारिश का दौर थमते ही युग निर्माण के कार्य में जुटा गायत्री परिवार

जयपुर। बारिश का दौर थमते ही जिस प्रकार सरकार ने निर्माण कार्य शुरू कर दिए हैं उसी प्रकार गायत्री परिवार ने भी मानसून की अघोषित विदाई के साथ समाज के नव निर्माण के कार्यों को भी एक बार फिर गति दे दी है। प्रदेश भर में पांच से 108 कुंडीय यज्ञों की श्रृंखला एक बार फिर शुरू कर दी गई है। बरसात के मौसम में जो निर्माण कार्य किया गया उसका लोकार्पण इसी माह के शेष दिनों में होगा। नए शक्तिपीठों के भूमि पूजन और बने हुए शक्तिपीठों में गायत्री माता की प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन भी तय हो चुके हैं। इसके लिए शांतिकुंज हरिद्वार से टोलियां निकल चुकी है।
बड़े आयोजन करवाने के लिए देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रो वाइस चांसलर और देश के युवा मनीषी डॉ. चिन्मय पंड्या 26 सितंबर से एक अक्टूबर तक राजस्थान प्रवास पर रहेंगे। गायत्री परिवार राजस्थान प्रांत के केन्द्रीय जोन समन्वयक गौरीशंकर सैनी ने बताया कि डॉ. पंड्या 26 सितंबर को जयपुर, 27 सितंबर को चूरू के रतनगढ़ में आयोजित प्रबुद्ध वर्ग की गोष्ठी में शामिल होंगे। 28-29 सितंबर को सादुलपुर में होने वाले 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ में शामिल होंगे। 30 सितंबर को पुन: रतनगढ़ में होने वाले कार्यक्रम में शामिल होकर 30 सितंबर को जयपुर के कालवाड़ में 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ से पूर्व निकलने वाली 11 हजार महिलाओं की कलशयात्रा को रवाना करेंगे। एक अक्टूबर को उदयपुर में होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होंगे। सभी स्थानों पर उनका उद्बोधन होगा। प्रवास के पहले दिन 26 सितंबर को सुबह साढ़े ग्यारह बजे मानसरोवर स्थित वेदना निवारण केन्द्र में नशामुक्ति केन्द्र की पट्टिका का अनावरण कर उद्घाटन करेंगे।
डॉ. चिन्मय पंड्या दोपहर डेढ़ बजे गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी में नवनिर्मित माता भगवती देवी स्मृति उद्यान का लोकार्पण भी करेंगे। इस उद्यान में नौ ग्रहों और 27 नक्षत्रों के औषधीय पौधे लगाए गए हैं। साथ ही एक्यूप्रेशर पाथ वे भी बनाया गया है। गायत्री परिवार राजस्थान जोन के समन्वयक ओप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि नवंबर माह के प्रथम सप्ताह में शांतिकुंज से आए सात ज्योति कलश प्रदेश की परिक्रमा करने निकलेंगे। यह परिक्रमा 2026 तक चलेगी। ज्योति कलश रथ के आगमन की सूचना देने के लिए जयपुर में घर-घर जाकर पीले चावल बांटे जा रहे हैं। लोगों को साधना से जोड़ते हुए जीवन को संवारने का संदेश दिया जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!