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कालवाड़ गायत्री महायज्ञ में हुआ देव आह्वान: 1100 यजमानों ने अर्पित की एक लाख 66 हजार आहुतियां

कालवाड़ गायत्री महायज्ञ में हुआ देव आह्वान: 1100 यजमानों ने अर्पित की एक लाख 66 हजार आहुतियां

महेंद्र भोमिया की रिपोर्ट

जयपुर। कालवाड़ शक्तिपीठ में वेदमाता गायत्री और प्रज्ञेश्वर महादेव की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में मंगलवार को 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का विधिवत पूजा अर्चना के साथ शुभारम्भ हुआ। सुबह सात से दोपहर 12 बजे तक 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ में ग्यारह सौ याजकों ने कुल 166100 आहुतियाँ प्रदान की। गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र के अलावा रूद्र गायत्री, सूर्य गायत्री मंत्र सहित अनेक मंत्रों से भी विशेष आहुतियां अर्पित की गई। लगभग इतने ही श्रद्धालुओं ने पूर्णाहुति में भाग लिया। इससे पूर्व देव पूजन के क्रम में वेद माता गायत्री, नव ग्रह, सोडश मात्रिका, कलश, सर्वतो भद्र का वेदिक मंत्रों से आह्वान करते हुए पूजन किया गया। मंत्रों के साथ देवताओं का गीतों के साथ भी आह्वान किया गया। श्याम यादव, गायत्री कचोलिया, नारायण रघुवंशी ने प्रजा गीतों की सरस प्रस्तुति देकर माहौल को भक्तिमय बनाए रखा। *यज्ञ भारतीय संस्कृति का आधार: शशिकांत* शांतिकुंज हरिद्वार से आए टोली नायक शशि कांत सिंह ने यज्ञ संपन्न करवाते हुए कहा कि यज्ञ भारतीय संस्कृति का आधार स्तंभ है। यज्ञ को सर्वश्रेष्ठ कम कहा गया है। यज्ञ में अर्पित की गई आहुतियां के प्रभाव से न केवल व्यक्ति का अपितु पूरे पर्यावरण का शोधन होता है। यज्ञ का धुंआ जहां तक जाता है वहां तक यज्ञ का प्रभाव होता है। सत्कर्म यज्ञ का दूसरा नाम है। पीड़ित मानवता के कल्याण के कल्याण रूपी यज्ञ कुंड में अपने ज्ञान, समय, प्रभाव की सदैव आहुति देते रहना चाहिए। व्यक्ति वही है जो दूसरों के लिए काम आए।शाम को प्रज्ञापुराण की कथा भी हुई। व्यास पीठ से शशि कांत सिंह ने कहा कि प्रज्ञा पुराण में व्यक्ति के जीवन से लेकर विश्व की समस्याओं का सरल समाधान छिपा है। *सर्व समाज ने किया देव पूजन:* पूर्व मंत्री लाल चंद कटारिया, कालवाड़ के सरपंच त्रिवेंद सिंह, हरबक्ष रोलानिया , हनुमान रोलानिया, अनूप शर्मा, गायत्री कटारिया, राकेश सोनी, जगदीश फगेडिया, राजेश बागड़ा, सीता राम शर्मा, भैरू सिंह शेखावत, रामशरण चौधरी, नाथू राम खटीक, मोहन मौर्य, ईश्वर बलाई, फूल चंद मीणा, गोविंद सिंह बिस्ट, ब्रजेश शर्मा ने मुख्य यजमान के रूप में पूजन किया। गायत्री परिवार राजस्थान के समन्वयक ओमप्रकाश अग्रवाल का कालवाड़ शक्तिपीठ के मुख्य ट्रस्टी धर्मसिंह राजावत ने सम्मान किया।

*आज होगा सामूहिक श्राद्ध तर्पण* दो अक्टूबर को सुबह सात से दोपहर बारह बजे तक गायत्री महायज्ञ और विभिन्न संंस्कार कराए जाएंगे। सर्व पितृ अमावस्या होने के कारण सामूहिक श्राद्ध तर्पण भी सुबह सात से दोपहर 12 बजे तक होगा। कार्यक्रम निशुल्क होगा। शाम पांच से सात बजे तक दीपयज्ञ होगा। हजारों की संख्या में दीप प्रज्जवलित किए जाएंगे। तीन अक्टूबर को सुबह सात से दोपहर एक बजे तक गायत्री माता, शिव पंचायत की प्राण प्रतिष्ठा और गायत्री महायज्ञ की पूर्णाहुति होगी।

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