Uncategorized

जयपुर में ‘दाम्पत्य में जीवन प्रबंधन’ पर विजय शंकर मेहता का व्याख्यान, रिश्तों की अहमियत पर दिया जोर

जयपुर में ‘दाम्पत्य में जीवन प्रबंधन’ पर विजय शंकर मेहता का व्याख्यान, रिश्तों की अहमियत पर दिया जो

जयपुर। जीवन प्रबंधन गुरू विजय शंकर मेहता ने कहा कि आने वाले बीस वर्षों में भारत के पास विकसित देशों जैसी सभी सुविधाएँ होंगी, लेकिन इस यात्रा में हमें अपने परिवारिक ढाँचे और रिश्तों को भी संभाल कर रखना होगा। मेहता गुरुवार को जगतपुरा स्थित श्री कृष्ण बलराम मंदिर के मथुरा गार्डन में “दाम्पत्य में जीवन प्रबंधन” विषय पर आयोजित एक दिवसीय व्याख्यानमाला में बोल रहे थे।

यह आयोजन संस्कृति युवा संस्था द्वारा किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में युवा दम्पति और विवाह बंधन में बंधने जा रहे युवा जोड़े उपस्थित रहे। मेहता ने कहा कि भारतीय पारिवारिक जीवन पाँच प्रमुख आधारों पर टिका है – माता-पिता, भाई-भाई, भाई-बहन, पति-पत्नी, और अन्य रिश्तेदार। इन संबंधों में पति-पत्नी का रिश्ता सबसे महत्वपूर्ण और जिम्मेदारियों से भरा होता है। उन्होंने अमेरिका जैसे विकसित देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि वहाँ पारिवारिक ढाँचा टूट चुका है, और हमें उनकी गलतियों से सबक लेना चाहिए।

मेहता ने परिवार में शांति बनाए रखने के लिए पति-पत्नी के झगड़े को परिवार तक सीमित रखने और इसका असर बच्चों व अन्य संबंधों पर न पड़ने देने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पति-पत्नी का संबंध परिवार का केन्द्र है, जिसे मजबूती से निभाना चाहिए ताकि परिवार में शांति और स्थिरता बनी रहे।

सुखद वैवाहिक जीवन के लिए मार्गदर्शन

संस्कृति युवा संस्था के अध्यक्ष पं. सुरेश मिश्रा ने कार्यक्रम के प्रारंभ में विजय शंकर मेहता का सम्मान किया। इस अवसर पर नव-विवाहित जोड़े ऋषभ शर्मा और सौम्यता मिश्रा ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि इस व्याख्यान से उनके सभी सवालों का समाधान हुआ। वहीं कमलेश शर्मा ने कहा कि गृहस्थ जीवन में प्रवेश करने वाले लोगों के लिए इस प्रकार के सेमिनार का आयोजन समय-समय पर होना चाहिए।
इस कार्यक्रम में समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों में ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़, वरिष्ठ अधिवक्ता एच.सी. गणेशिया, गोविंद पारीक, जयपुर मैराथन के सीईओ मुकेश मिश्रा सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
इस व्याख्यान ने उपस्थित सभी लोगों को रिश्तों की महत्वता और वैवाहिक जीवन में जिम्मेदारियों के महत्व को समझने का अवसर प्रदान किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!