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शिवोत्सव: काव्यमयी शिव आराधना का भव्य आयोजन काशी विश्वनाथ मंदिर में

 

वाराणसी। दिनांक 15 दिसंबर 2024, रविवार को काव्यामृत कोष साहित्यिक संस्था द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रांगण में “शिव आराधना – शिवोत्सव” का आयोजन किया जाएगा। यह अनूठा आयोजन शिव भक्ति और साहित्य प्रेम का संगम होगा, जहां देश के विभिन्न प्रांतों के श्रेष्ठ कवि अपनी रचनाओं के माध्यम से भगवान शिव की महिमा का गुणगान करेंगे।

कार्यक्रम की आयोजिका और संस्था की संस्थापिका प्रीती एच. प्रसाद ने बताया कि यह आयोजन शिवभक्तों और साहित्य प्रेमियों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव होगा। कार्यक्रम का संचालन साक्षी सिंह द्वारा किया जाएगा, जबकि व्यवस्था की जिम्मेदारी आकाश राघव, प्रमोद, शाल्वी सिंह, रश्मि शुक्ला, और अमन सिंह संभालेंगे।

मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि  विश्व भूषण मिश्र (CEO, काशी विश्वनाथ मंदिर) होंगे, और विशिष्ट अतिथि के रूप में निखिलेश मिश्र (अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर) उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वयं प्रीती एच. प्रसाद करेंगी।

साहित्यिक सितारों की महफ़िल

इस विशेष शिवोत्सव में देशभर से कई नामचीन कवि भाग लेंगे, जिनमें सुधांशु शुक्ला, विजय पुरोहित ‘बिजू’, सर्वेश अग्रहरि ‘वियोगी’, अमित कुमार त्रिपाठी, अंबरीश चतुर्वेदी, डॉ अनुराग पांडेय, एडवोकेट विनय साहू ‘निश्छल’, कुमार विशु, प्रवीण पांडेय ‘आवारा’, डॉ कीर्ति पांडेय, सिद्धिदात्री तिवारी, डॉ सीमा वर्मा, चंद्र मल्लिका हर्ष, डॉ मंजू दीक्षित अगुम, अनीता अरोड़ा, नीरज प्रजापति, चेतना तिवारी, दीपू कृष्ण माला, और अन्य प्रमुख नाम शामिल हैं।

विशेष सहयोगी के रूप में वाह भाई वाह टीवी फेम हास्य कवि आशीष तिवारी ‘निर्मल’ और प्रयागराज के कवि अजय वर्मा ‘साथी’ अपनी रचनाओं से समां बांधेंगे।

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण

इस आयोजन में शिव आराधना से ओत-प्रोत कविताओं के साथ-साथ हर्ष के तबला वादन का प्रदर्शन भी होगा, जो दर्शकों के लिए एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करेगा।

आमंत्रण

यह आयोजन शिवभक्तों और साहित्य प्रेमियों के लिए विशेष रूप से खुला है। आयोजकों ने देशभर के साहित्यप्रेमियों को इस अवसर का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया है।शिवोत्सव का यह आयोजन काशी की पवित्र धरा पर साहित्य और भक्ति का अनूठा संगम होगा, जो न केवल भगवान शिव के प्रति आस्था को प्रगाढ़ करेगा, बल्कि साहित्यकारों के अद्भुत योगदान को भी सम्मानित करेगा।

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