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मेरी प्यारी मांँ / जानीमानी लेखिका व कवियित्री श्वेता गर्ग की कलम से

 

आज के दिन मेरी प्यारी माँ, तुम दुनिया में आई थी
नाना नानी के आंँगन में, एक कली मुस्काई थी
लाड प्यार से बड़ा किया, संस्कारों की परछाई थी
अनगिनत गुणों से भरकर, तुम ससुराल आई थी
प्यार,सम्मान, सौहार्द से तुमने सबका दिल जीता था
अपने हर एक फर्ज से तुमने, हर रिश्ते को सीचा था
हम बच्चों को जन्म दिया, मांँ बनकर हर्षाई थी
कभी प्यार से कभी डांट से, अच्छी सीख सिखाई थी
हमारी परवरिश की खातिर, रातों की नींद गवाई थी
मुश्किल हालातों में भी मांँ, कभी ना तू घबराई थी
संघर्षों में जीवन बीता, हर जिम्मेदारी निभाई थी
वक्त और हालातो की जंग, हौसलों से जीत कर आई थी
भैया की शादी करके तुम, भाभी घर में लाई थी
हम बहनों की एक-एक करके, तुमने करी विदाई थी
दादी नानी बन कर के तुम ने,ममता खूब लुटाई थी
अपनी फुलवारी को देखकर, सदा ही तुम हर्षाई थी
चली जाओगी हमें छोड़कर, ये ना हमने सोचा था
तेरे होने से घर आंगन का,प्यार भरा हर कोना था
आज जब तू नहीं सामने, हर ओर तेरा एहसास है
हर पल लगता है दिल को, अब भी यही तू आस पास है
प्यार भरी तेरी बोली मांँ,हर पल याद आती है
ऐसा लगता है प्यार से अब भी,मेरा सर सहलाती है
ईश्वर के श्री चरणों में, माँ तुझको स्थान मिले
मोक्ष मिले तुझको मेरी मांँ,ईश्वर का निजधाम मिले

मेरी प्यारी मांँ के श्री चरणों में मेरी प्यार भरी श्रद्धांजली

श्वेता गर्ग “स्वाती “

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