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लघु कथा।…यमलोक में भर्ती। (ये एक काल्पनिक लधुकथा है) // नरेंद्र त्रिवेदी

 

यमराज कोलाहल सुनके अपनी ऑफिस से बाहर आये और देखा तो ऑफिसके बाहर एक लंबी लाइन लगी हुई थी। यमराज सोचमे पड़ गए की पृथ्वी पर अभी कोई बहुत बड़ा हादसा भी नही हुआ है और ना मैने यमदुतको थोकबंद आत्मा लानेकी सूचना दी है; तो फिर ये आत्माओ की लाइन क्यूँ है। यमराजने एक यमदूत को बुलाया और पूछा की ये क्या हो रहा है।

यमदुतने बताया, “महाराज ये सभी यमदुतकी भर्ती के लिए पृथ्वीलोक से आये है।”

“पर हमने तो ऐसा कोई संदेश पृथ्वीलोक में भेजा ही नही है और हम कभी पृथ्वीलोकके सभी आत्माको यमदूत नही बनाते है।” यमराज ने चित्रगुप्त को बुलाया और पूछा की “ये क्या मामला है। पृथ्वीलोकके आत्मा बिना यमदूत के लाये, यमलोक में कैसे आ गए?आपने उसे क्यूँ रोका नही?”

चित्रगुप्त ने जो बात बताई वो सुनकर यमराज हैरान हो गए। चित्रगुप्त ने बताया की “महाराज मैने ये सभी आत्मसे बातचीत की, सभीको बताया की अभी उसकी पृथ्वी पर रहनेकी अवधि पूरी नही हुई है; वो लोग यमलोकमे नही रह शकते; तो जवाब मिला की ‘हमे हमारी टेक्नॉलिजी सॉफ्वेर से जानकारी मिली है की यमलोक में यमदूत की भर्ती होनेवाली है हम सभी को उसमे भर्ती करलो।’

“महाराज आप ये बात सुनकर ओर भी हैरान हो जाएंगे की ये जो बाहर पृथ्वीलोक के आत्मा की लाइन है उसमें निरक्षर से पीएचडी तक की अभ्यास करने वाले है। वो सभीका कहना है की ‘पृथ्वीलोक पे बेरोजगारी बहुत बढ़ गई है हमको रोजगार नही मिल रहा है।टेक्नॉलिजी के आविष्कार से कर्मचारियोंकी रोजगारी चली जा रही है।रोजगारी देने की तो दूर की बात हो गई है पर हरदिन कोई न कोई कंपनी से कर्मचारियोंकी छटनी हो रही है। इसलिए हम सभी आत्महत्या कर के तो यहाँ आए है। अब जो भी करना है आपको करना है।’महाराज अब आपही बताई ये हम करे तो क्या करे?”

“करना कुछभी नही है, यमदुतकी भर्ती रोक दो और सभी आत्माको पृथ्वीलोक पर वापस भेज दो। अभी भी ये लोगोका मृत शरीर पड़ा है, क्योंकि सभी ये ढूंढने में पड़े है की इसने आत्महत्या की तो क्यूँ की।

“चित्रगुप्त ने कहा महाराज ये लोग वापस पृथ्वीलोक पे जाकर क्या करेंगे?”

“ये प्रश्न हमारा नही है, जो टेक्नॉलिजी का आविष्कार कर रहे है और उसका उपयोग दिन ब दिन बढ़ा रहे है उसका है। उन्हें भी सोचने दो की हम कींस राह पर चल रहे है…….।”

चित्रगुप्त मुश्कुराते हुए चले गए।

नरेंद्र त्रिवेदी।(भावनगर-गुजरात)

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