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कल्पना चॉवला– “एक प्रेरणा साहस शक्ति पुंज ”  — डॉ इंदु भार्गव

 

कल्पना चॉवला, भारतीय अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री, जिन्होंने अपनी बहादुरी, मेहनत और अदम्य साहस से न केवल भारतीयों का, बल्कि पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया। उनका जन्म 17 मार्च 1962 को हरियाणा राज्य के करनाल जिले में हुआ था। उनका नाम आज भी अंतरिक्ष विज्ञान और महिला सशक्तिकरण के प्रतीक के रूप में लिया जाता है!!

शिक्षा और प्रारंभिक जीवन:

कल्पना ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा करनाल में ही प्राप्त की और फिर उन्होंने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (PEC), चंडीगढ़ से एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका में एरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की। उनके दृढ़ संकल्प और वैज्ञानिक रुचि ने उन्हें इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया!!

अंतरिक्ष यात्रा:
कल्पना चॉवला की अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत 1997 में हुई, जब उन्होंने “कोलंबिया” अंतरिक्ष यान के साथ अपनी पहली उड़ान भरी। इस मिशन के दौरान वह अंतरिक्ष में 16 दिन तक रहीं। इसके बाद, उन्होंने 2003 में अपनी दूसरी और अंतिम उड़ान भरी, जो दुखद रूप से उनके जीवन का अंत बन गई। “कोलंबिया” अंतरिक्ष यान उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें कल्पना चॉवला सहित सात अंतरिक्ष यात्री शहीद हो गए!!

साहस और प्रेरणा :

कल्पना चॉवला की कहानी दुनिया भर के लोगों के लिए एक प्रेरणा बन चुकी है। उन्होंने साबित किया कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं। उनका जीवन साहस, समर्पण और मेहनत का प्रतीक है। अंतरिक्ष विज्ञान में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। उनके कार्य और उनकी उपलब्धियां आज भी लोगों को अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करती हैं!!

सार :
कल्पना चॉवला का जीवन एक उदाहरण है कि कैसे एक व्यक्ति अपने सपनों को पूरा करने के लिए कठिनाइयों और संघर्षों का सामना कर सकता है। उनका नाम हमेशा इतिहास में अमर रहेगा, और उनकी यात्रा से प्रेरित होकर कई युवा अपने सपनों को हकीकत में बदलने की दिशा में काम करेंगे!!
डॉ इंदु भार्गव जयपुर

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