लघुकथा। “डेटा हैकिंग” — नरेंद्र त्रिवेदी

लघुकथा। “डेटा हैकिंग” — नरेंद्र त्रिवेदी
चित्रगुप्त के कार्यालय में पिछले एक सप्ताह से बात चल रहीथी की पृथ्वीलोक से एक भी आत्मा यामलोक में नहीं आया है। प्रभु ने चित्रगुप्त को कठोर शब्दों में फटकार लगाई कि मैं यह नहीं चलाऊंगा कि आपके खंड का काम खराब हो गया है। मैं आपको पृथ्वीलोक पर एक सामान्य व्यक्ति बनाऊंगा ओर पृथ्वीलोक पर भेज दूंगा। चित्रगुत्तजी ने आज सामान्य निकाय की एक बैठक बुलाई और यमराज के साथ प्रत्येक खंड के प्रमुखों को बुलाया। स्थिति बहुत गंभीर थी। पिछले एक सप्ताह से पृथ्वीलोक से कोई भी आत्मा नहीं लाया गया था। प्रभु ने चेतावनी दी कि मैं बीस घंटे के भीतर एक रिपोर्ट चाहता हूँ कि हजारों लोगों को मृत्यु हो गई फिरभी उन आत्माको यमलोक में क्यों नहीं लाया गया है।
चित्रगुप्त ने इसका कारण पूछा, सभी यमदत ने एक -दूसरे के सामने एक -दूसरे को देखा और उलझन में थे कि कैसे बात शुरू करें, आखिरकार यमराज ने कहा, …..
महाराज, एक नियम के रूप में, सांसारिक आत्माको यामलोक में लाया गया था, लेकिन यहां कंप्यूटर में डेटा की जाँच की तो सबकी उम्र 70, 80, 100 सालकी बाकीथी इसलिए उन्हें छोड़ दिया गया और उन्हें पृथ्वी पर वापस रखा गया है। हम भी उल्ज़न में हैं कि ऐसा कैसे होता है। चित्रगुप्त यामराज को सुनने के बाद चिंतित हो गए। मुझे इस बारे में प्रभुका मार्गदर्शन लेना पड़ेगा। लेकिन विभाग के अनुसार आप विभाग में अभी जो आत्मा हैं, उन्हें विभाजित करें और देश के प्रत्येक विभाग में अपने यमदुत को एक जासूस बनाएं, मुझे घंटे में रिपोर्ट करें।
भारत के विभागमे चर्चा चल रहीथी की हमतो कर्म के सिध्दांत को मानने ओर जीवन रेखा, भाग्य रेखा के सहारे जीने वाले है। हम क्यू कंप्यूटर में गड़बड़ी करे। ये काम किसी ओर देशका हो शकता है।
जापानी विभाग में एक बहस हुई, कि हम 100 साल तक जीते हैं और ऐसी कई प्रविष्टियाँ हमारे देश में नही हो शकति। हम में से ऐसा काम कोई क्यू करे। ये काम किसी दूसरे देशका हो शकता है।
इस प्रकार, यम जासूस लगभग सभी देशों के विभागों में धूम के वापस आ गए। एक यम जासूस को याद आया, हम चीन के खंड में नहीं गए, इसलिए सभी यम जासूसों ने एक साथ चीन के खंड में जाने का फैसला किया।
चीन विभाग में बहुत मेहनत हुई, संदेह उठाया गया, लेकिन इस बात का कोई सबूत नहीं मिला कि संदेह का समाधान किया जाए। यम जासूस ने यमराज से बात की। अब यमराज उल्ज़न में पड़ गए की करे तो क्या करे पृथ्वीलोक का जीवन लंबा कैसे हो गया, जिसका हमारे पर कोई रिकॉर्ड नही है।
चित्रगुप्त और यमराज प्रभु के पास गए। चित्रगुप्त ने प्रभुको हर बात से अवगत किया। प्रभुने कहा, सभी आत्मा को एक साथ मिलाएं, मैं आता हूं और बात करता हूं। सभी आत्मा की एक बैठक बुलाई गई…
प्रभुने कहा, देखो आप में से किसी एक ने कम्यूटर डेटा के साथ छेड़छड़ की है। यदि त्रुटि सामने से स्वीकार की जाती है, तो न्यूनतम वाक्य होगा। लेकिन कोई भी आत्मा नहीं बोला। देखो डेटा में सुधार करके आप केवल अपने सांसारिक आत्माओ की आजीविका में सुधार करके उन्हें चोट पहुंचाएंगे, क्योंकि उन्हें अभी यहाँ एक अच्छी रिक्ति मिलेगी और यह कि आत्मा को सही समय पर यमलोक में आने पर रिक्ति मिल सकती है। आपके शब्द क्या हैं? यदि आपसे किसीने गलती की हैं, तो नुकसान आपके रिश्तेदारों को है।
मैं एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूं। मैंने यमलोक के कम्यूटर के साथ कुछ नहीं किया है, लेकिन अगर आप अनुमति देते हैं, तो मैं डेटा स्टोर करने की कोशिश कर शकता हूं। यह भारत से आने वाला आत्मा लगता है। मेरी अनुमति है लेकिन मुझे विस्तार से रिपोर्ट करनी होगी।
भारत के सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने जाँच की और आश्चर्य चकित हो गया। यमलोक का कंप्यूटर प्रोग्रामिंग को पृथ्वी पर के एक देश द्वारा बदल दिया गया था। सभी आत्मा की आयुमें बढ़ोतरी की हुई थी।
प्रभु आश्चर्यचकित थे। पृथ्वी के आत्मा यहां तो अच्छी तरह से नही रहते हैं, लेकिन पृथ्वीलोक से कोई आत्मा ऐसी गड़बड़ कर शकते है वो में सोच भी नही शकता। क्या वाकई पृथ्वीलोकके आत्माने इतना विकास कर लीया है की जिसकी हमे भनक भी ना मिली। हमने पृथ्वीलोकमे जो कम्प्यूटर का ऑर्डर दिया है वो रद करदो ओर जो देश संदिग्ध है उस पर कड़ी नजर रखो।
नरेंद्र त्रिवेदी।(भावनगर-गुजरात)