नव संवत्सर का शुभारंभ — राम सेवक गुप्ता

कल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा है,नवरात्रि पर्व के साथ, हिंन्दु नव वर्ष,नव संवत्सर विक्रम संवत २०२८२ का शुभारंभ होने जा रहा है।।राजा विक्रमादित्य ने राज्य की स्थापना की, तबसे विक्रम संवत की शुरुआत हुई, सनातनियों के लिए गर्व और गौरव का विषय है।।भारत वर्ष में बड़ी धूमधाम से नव संवत्सर का आगाज किया जाता है, जगह-जगह हवन-यज्ञ और पूजा पाठ का आयोजन किया जाता है, क्या पुरुष क्या स्त्री सब बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं और अपनी संस्कृति और इतिहास के प्रति लोगों को, बच्चों को जागरूक करते हैं।।
नव संवत्सर के राजा और मंत्री सूर्यदेव जी हैं, अन्न,धन, खनिज, धातु के स्वामी बुध हैं। खाद्य पदार्थों के स्वामी मंगल,वाहन हाथी है।।नव संवत्सर का शुभनाम कालमुक्त
सिद्धार्थ है, वाहन जिनका घोड़ा है।।इस वर्ष बरसात कम होने की भविष्यवाणी है,सूखा पड़ सकता है और मंहगाई में बेतहाशा वृद्धि होगी, कहीं कहीं आगजनी और हिंसक घटनाओं में इजाफा होगा,अफरा तफरी का माहौल बना रहेगा।। राजनैतिक उथल-पुथल मची रहेगी, भूकंप से कहीं कहीं तबाही का मंजर देखने को मिल सकता है।।
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नवरात्रि पर्व भी धूमधाम से मनाया जायेगा, भक्त गण, मंदिरों में मां जगदम्बा समेत नौ देवियों, शक्तियों की विधिवत पूजा, अर्चना करेंगे और मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी,,
इस दिन देश में युगादि, गुड़ी पड़वा, झूलेलाल जयंती भी मनाई जाएगी,इस दिन श्री राम जी का राज्याभिषेक हुआ था, श्रद्धालु भगवान शिव पार्वती और श्री राम जी के प्रति आस्था प्रकट करेंगे।।
भगवान से प्रार्थना है कि नव संवत्सर, विक्रम संवत २०८२ मंगलमय हो, सभी देशवासियों को सुख समृद्धि और ऐश्वर्य प्राप्त हो, ऐसी कामना करते हैं।।
रामसेवक गुप्ता