लघु कथा: परीक्षा — पालजीभाई राठोड़ ‘प्रेम’

जीवन एक परीक्षा है। जीवन में परीक्षाएं आती जाती रहती है। कैसी भी विपदाएं आयें हमें उसका सामना करना चाहिए। तभी हम ये परीक्षा में सफल हो सकते हैं।
राजेश और राकेश दोनों मित्र छोटे से गांव की एक ही स्कूल में पढ़ते थे।राजेश महेनतु और होशियार था। राकेश पहले थी थोड़ा लापरवाही अभ्यास में कच्चा था। मेहनत भी नहीं करता था।जब परीक्षा आई तो राजेश अच्छे नंबरों से पास हुआ और राकेश फेल हुआ।
राकेश की मम्मी ने कहा;’ राकेश तू परीक्षा में फेल हुआ कोई बात नहीं मगर मेहनत करना जरूरी है।तेरे पिताजी खेत में कितनी मेहनत मजदूरी करता है।तभी हम अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं।
राजेश ने भी कहा;
राकेश, परीक्षा का डर मन में से निकाल कर मेहनत कर।एक लक्ष्य लेकर अडिग मन से आत्मविश्वास से मेहनत कर सफलता मिलेगी।
माता और मित्र की
बात राकेश को समझ में आई। मेहनत करने लगा और परीक्षा में अच्छे नंबरों से पास हुआ।
परीक्षा में सफलता सुनिश्चित करने का मूल आधार है धैर्य,जीवन में सभी सुखों से आपका परिचय बडा ही खास होगा, अगर आपके पास अपने लक्ष्य तक पहुंचाने का आत्मविश्वास होगा। संकट के समय मदद के लिए सर पर किसी का हाथ हो या ना हो, मगर आत्मबल के साथ हमारा धैर्य हर पल हमारे साथ होता है।
पालजीभाई राठोड़ ‘प्रेम’ सुरेंद्रनगर गुजरात