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काला दिन इतिहास का — जगदीश कौर प्रयागराज

ऐसे मुश्किल वक्त में,कर लो यह पहचान।
मानव बनकर जान लो,मानव की तुम शान।।
धरम करम के नाम पर, नही टिकी है मौत।
ऐसे नर संहार को, करे कौन डंडौत।।
रोता है मन आज भी,रोता जारों जार।
देखी घटना आज की,मानव की यह हार।।
मानव तू दानव बना,खो दी यह पहचान।
शुभ गुण भूला आज है, दया धर्म का दान।।
कैसा तू इंसान है, रोता मेरा खुदा।
जो बीजा वो मिला है,इससे कैसे जुदा।।
धर्म करम के नाम पर, बेच दिया है देश।
बीजे तूने बीज यह,बना दिया परिवेश।।
जगदीश कौर प्रयागराज