गुरु मंत्र — रश्मि मृदुलिका

लावण्य मैसैंजर पर एक मैसेज देखकर चौंक गई थी| मैसेज उसकी पुरानी स्टूडेंट का था| सुमन यही नाम था उसका, पढ़ने में बेहद होशियार, विनम्र , आज्ञाकारी छात्रा थी| सुबह प्रार्थना से लेकर कक्षा में सामान्य व्यवस्था करना हो| सांस्कृतिक कार्यक्रम हो या फिर शैक्षणिक प्रतियोगिताओं में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना, हर जगह आगे रहती थी| एक निर्धन परिवार से होकर भी स्वाभिमान से जीने वाली लड़की थी| लावण्य एक शिक्षका के रूप में छात्रों के बीच लोकप्रिय थी| सुमन उसकी प्रिय छात्रा थी| आर्थिक रूप से वो सुमन की मदद कर दिया करती थी| सुमन भी उसके जन्मदिन पर विशेष कार्ड बना कर देती थी| उसे याद है जब इण्टर की परीक्षाएं शुरू होने वाली थी| तब सुमन की माँ ने उससे कहा था ‘ मैडम जी इण्टर के बाद इसकी शादी कर देगें| मैनें उन्हें समझाया,ये पढ़ने में इतनी होशियार है इसे आगे पढ़ाओ, ये अच्छी नौकरी कर सकती है| उसकी माँ ने रूआंसे होकर कहा ‘हम गरीब लोगों के लिए इतना पढ़ना ही बहुत है|’
लावण्य ने सुमन की आंखों में आयी नमी को साफ देखा था| उसका मन करूणा से भर आया| उसने सुमन से कहा था,’ बेटा तुम अपने सपने टूटने मत देना| मेरी जब भी जरुरत हो बेझिझक कहना| याद रखना हमारी परिस्थितियां कमजोर हो सकती है| हम नहीं, वो चुप सुनती रही| उसके बाद परीक्षाएं समाप्त हो गई| वो प्रथम श्रेणी से पास हुई थी| इसके बाद लावण्य अपने जॉब में व्यस्त हो गई| अचानक चार साल बाद सुमन का मैसेज वो भी मैसैंजर पर देखकर चौंक गई|
‘मैडम जी नमस्कार! मैं सुमन, याद हूँ आपको’ मैंने उसे जवाब दिया| ‘इतने दिनों बाद तुम्हारा मैसेज आया, ठीक हो बेटा,
उसने कहा, मैम मैं ठीक हूँ| आज आपको सबसे पहले याद किया है मैंने, आपने मुझसे कहा था कि हमारी परिस्थितियां कमजोर होती हैं हम नहीं, बस मैंने यह बात गांठ बांध ली थी| गाँव जाने के बाद मेरी शादी हो गई| मैंने शादी के बाद ब्यूटीशियन का काम सीखा| घर से ही काम शुरू किया| धीरे धीरे काम अच्छा चलने लगा| अपने पति को मनाकर आगे पढ़ना शुरू किया| बी. ए की डिग्री ली| आज मेरा सिचाई विभाग में लिपिक पद पर सलेक्शन हो गया है| तो सबसे पहले आपका आशीर्वाद लेना है| मैं आज यहाँ तक पंहुच पायी तो सिर्फ इसलिए कि आपने मेरे विश्वास को जिंदा रखने के लिए मुझे गुरु मंत्र दिया था|
धन्यवाद मैम जी| लावण्य सुमन के शब्दों को सुनकर चौंक गई थी| उसने तो अपना शिक्षक धर्म निभाया था| हर छात्र के प्रति उसका स्नेह ऐसा ही है| वो नहीं जानती थी कि उसके कहे कुछ शब्द किसी के जीवन को आधार दे सकते हैं| उसे आज एक अजीब सा सुकून मिला|लावण्य एक नये उत्साह से अपने काम पर जुट गई|
रश्मि मृदुलिका
देहरादून उत्तराखण्ड