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रक्तदान — महेन्द्र कुमार सिन्हा

 

रक्तदान को महादान कहते है।वैसे तो रक्तदान किसी को जीवन दान देने के बारे है।बहुत ही गंभीर बीमारी ,हादसा होने पर शरीर में रक्त की कभी को पूरा करने के लिए रक्त चढ़ाया जाता है ।जिससे रोगी, घायल को रक्त की कमी को दूर कर उसके जीवन की रक्षा कर सकें। रक्तदान के लिए पहले बहुत भ्रामक स्थिति होती थी। पर आज मेडिकल साइंस की तरक्की और जन जागरण अभियान से लोगो मे रक्तदान के प्रति लगाव बढ़ा है। समय के साथ ब्लड बैंकों की संख्या भी बहुत बढ़ी है।रक्तदाताओ की संख्या में भी बहुत बढ़ोत्तरी हुआ है। जरूरत मंदों अब सहज ही ब्लड उपलब्ध हो जाने से उनके जीवन को बचाया जा सकता है।अभी साथियों से विनम्र निवेदन है कि रक्तदान शिविर में रक्त दान कर महादानी कहलाये।रक्त के किसी जरूरतमंद को रक्त दे महादानी कहलाये।
रक्तदान करने वालो में किसी प्रकार की कमजोरी नहीं होती है।
यह बात सब डाॅक्टर, सांइनटिस हमें बताते है।
रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए 14 जून को प्रतिवर्ष विश्व रक्तदान दिवस मनाते है।

महेन्द्र कुमार सिन्हा जय महासमुंद छत्तीसगढ़

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